बरेली के 660 प्राथमिक विद्यालयों में विद्यार्थियों का संकट : पढ़ने वालों की संख्या 50 से भी कम, समायोजित करने की तैयारी

पढ़ने वालों की संख्या 50 से भी कम, समायोजित करने की तैयारी
UPT | प्राथमिक विद्यालय का फोटो

Sep 24, 2024 01:12

बरेली में सरकारी प्राथमिक स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ाने की काफी कोशिश की जा रही हैं। मगर, इसके बाद भी सरकारी प्राथमिक...

Sep 24, 2024 01:12

Bareilly News : यूपी के बरेली में सरकारी प्राथमिक स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ाने की काफी कोशिश की जा रही हैं। मगर, इसके बाद भी सरकारी प्राथमिक स्कूलों में छात्रों के नामांकन की संख्या घट रही है। इससे बरेली के 660 स्कूलों के बंद होने की उम्मीद है। सर्व शिक्षा अभियान के तहत हर वर्ष प्राथमिक विद्यालयों में दाखिले बढ़ाने को काफी प्रयास किए जाते हैं। मगर, जमीनी हकीकत इससे उलट है। जिले के कई स्कूलों में छात्रों की संख्या 50 से भी कम रह गई है। इससे इन स्कूलों को बंद या अन्य स्कूलों में विलय करने का खतरा मंडरा रहा है। बहेड़ी ब्लॉक के चितोनिया गांव के एक स्कूल में, तो केवल एक ही छात्र पढ़ रहा है। यह स्थिति की गंभीरता को और दर्शाती है। इसको लेकर शिक्षा विभाग के अफसर भी काफी गंभीर हैं। हालांकि, शिक्षा विभाग के अफसरों ने इसको अफवाह बताया है। 



50 से कम स्टूडेंट वाले स्कूल चिंहित यूपी के डीसी स्कूल शिक्षा के निर्देश पर सभी जिलों में 50 से कम बच्चों वाले स्कूलों को चिन्हित किया गया था। इसमें बरेली के 660 स्कूल चिह्नित किए गए हैं। इनमें 50 से कम छात्र पंजीकृत हैं। ऐसे स्कूलों को बंद करके पास के अन्य स्कूलों में समायोजित किया जा सकता है। हालांकि, शिक्षक और शिक्षक संघ के नेताओं ने इस निर्णय का विरोध शुरू कर दिया है। शिक्षक नेता हरीश बाबू शर्मा ने मीडिया को बताया कि नए प्रवेश 30 सितंबर तक होते हैं। इसलिए 30 जून के आधार पर स्कूल बंद करने का फैसला उचित नहीं है।

10 स्कूलों में स्टूडेंट की संख्या 1 से पांच
जिले में ऐसे 10 विद्यालय हैं। इनमें छात्र संख्या सिर्फ 1 से 5 के बीच है। उदाहरण के तौर पर बहेड़ी ब्लॉक के चितोनिया स्कूल में 1, अमखेड़ा स्कूल में 2, और फतेहगंज के जीआईसी अगरास में केवल 2 छात्रों का नामांकन है। शिक्षक संघ के मांडलिक मंत्री केसी पटेल ने कहा कि 50 से कम नामांकन वाले स्कूलों को बंद करने का निर्णय गरीबों के लिए शिक्षा को और मुश्किल बना देगा। इस निर्णय की पुनः समीक्षा की जानी चाहिए। जिले के बहेड़ी ब्लॉक की स्थिति सबसे ज्यादा चिंताजनक है। चितोनिया गांव के स्कूल में केवल एक ही बच्चा पंजीकृत है। इसके अलावा, बहेड़ी ब्लॉक के अन्य कई स्कूलों में भी छात्रों की संख्या बेहद कम है।

अफवाह न फैलाने की अपील
बरेली के जिला विद्यालय निरीक्षक संजय सिंह ने स्पष्ट किया है कि स्कूलों को बंद करने या समायोजित करने के संबंध में अब तक कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं हुआ है। उन्होंने शिक्षकों से अफवाह न फैलाने की अपील की है।

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