यूपी में वकीलों के लिए सख्त नियम : इंटरव्यू से पहले पुलिस वेरिफिकेशन जरूरी, गलत जानकारी देने पर होगा आवेदन रद्द

इंटरव्यू से पहले पुलिस वेरिफिकेशन जरूरी, गलत जानकारी देने पर होगा आवेदन रद्द
UPT | फाइल फोटो

Nov 20, 2024 18:21

यूपी में अधिवक्ता बनने की प्रक्रिया को पारदर्शी और सख्त बनाने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। अब बार काउंसिल में पंजीकरण के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों का पहले पुलिस वेरिफिकेशन (चरित्र सत्यापन) होगा...

Nov 20, 2024 18:21

Bareilly News : यूपी में अधिवक्ता बनने की प्रक्रिया को पारदर्शी और सख्त बनाने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। अब बार काउंसिल में पंजीकरण के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों का पहले पुलिस वेरिफिकेशन (चरित्र सत्यापन) होगा। यह कदम सुनिश्चित करेगा कि कोई भी अपराधी या संदिग्ध व्यक्ति वकील के पेशे में शामिल न हो सके। बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश ने निर्णय लिया है कि अधिवक्ता पंजीकरण के लिए साक्षात्कार से पहले उम्मीदवारों का पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य किया जाएगा। इस प्रक्रिया के तहत पुलिस रिकॉर्ड की जांच की जाएगी। इसमें उम्मीदवार के खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज है या नहीं, इसकी जांच की जाएगी। सामाजिक और नैतिक पृष्ठभूमि की जांच कर उम्मीदवार का आचरण और उसकी सामाजिक छवि को भी ध्यान में रखा जाएगा। गलत जानकारी देने पर आवेदन को रद्द कर दिया जाएगा। इसमें कोई उम्मीदवार गलत जानकारी देकर वेरिफिकेशन प्रक्रिया में शामिल होता है, तो उसका आवेदन रद्द कर दिया जाएगा।

अभ्यर्थियों का इंटरव्यू 23 और 24 को
बरेली और मुरादाबाद मंडल के अभ्यर्थियों का इंटरव्यू 23 और 24 नवंबर 2024 को क्लासिक लॉ कॉलेज, बरेली में आयोजित किया जाएगा। उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष और सदस्य शिरीष मेहरोत्रा ने बताया कि आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को वकालत पेशे से दूर रखने के लिए हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने दिशा-निर्देश जारी किए थे। बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने पहले ही ऑल इंडिया बार एग्जामिनेशन (AIBE) लागू किया है। वकालत के पंजीकरण के लिए यह परीक्षा पूरे देश में आयोजित होती है।



सत्यापन और अन्य औपचारिकताएं समय से करें पूरी
यूपी बार काउंसिल ने एआईबीई के साथ पुलिस सत्यापन और इंटरव्यू भी अनिवार्य कर दिए हैं। जिन अभ्यर्थियों का पुलिस सत्यापन 25 अगस्त, 2024 तक पूरा हो चुका है,  केवल उन्हीं को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया है। उत्तर प्रदेश बार काउंसिल का यह कदम वकालत के पेशे को आपराधिक प्रवृत्ति से मुक्त रखने के लिए महत्वपूर्ण है। यह प्रक्रिया पेशे में अनुशासन और नैतिकता को बढ़ावा देगी। अभ्यर्थियों को सलाह दी जाती है कि वे अपने सत्यापन और अन्य औपचारिकताएं समय पर पूरी करें।

पेशे को अपराध और अनैतिक गतिविधियों से मुक्त रखना
इस कदम का मुख्य उद्देश्य वकीलों के पेशे को अपराध और अनैतिक गतिविधियों से मुक्त रखना है। बार काउंसिल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि "हम चाहते हैं कि वकीलों का पेशा केवल योग्य और ईमानदार लोगों तक सीमित रहे। इससे कानून व्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।" कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम वकीलों के पेशे की गरिमा बनाए रखने में मदद करेगा। अक्सर देखा गया है कि कुछ आपराधिक पृष्ठभूमि के लोग वकील बनकर कानून का दुरुपयोग करते हैं। इस नई प्रक्रिया से ऐसी घटनाओं पर रोक लगेगी। बार काउंसिल के इस फैसले पर वकीलों के बीच मिली-जुली प्रतिक्रिया है। कुछ वरिष्ठ वकीलों का कहना है कि यह प्रक्रिया पारदर्शिता लाने में मदद करेगी, जबकि कुछ युवा अधिवक्ताओं ने इसे थोड़ा कठोर बताया है।

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