लापरवाह शिक्षक : डिजिटल अटेंडेंस पर घमासान के बीच बस्ती में शिक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल, कक्षा में सोते पकड़े गए मास्टर साहब

डिजिटल अटेंडेंस पर घमासान के बीच बस्ती में शिक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल, कक्षा में सोते पकड़े गए मास्टर साहब
UPT | लापरवाह शिक्षक

Jul 11, 2024 12:21

एक प्राथमिक विद्यालय में एक सरकारी शिक्षक को कक्षा में सोते हुए देखा गया। यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब राज्य सरकार और शिक्षकों के बीच डिजिटल अटेंडेंस को लेकर विवाद चल रहा है।

Jul 11, 2024 12:21

Basti News : उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में एक घटना ने शिक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है। सल्टौवा ब्लॉक के परसा पुरई गांव स्थित एक प्राथमिक विद्यालय में एक सरकारी शिक्षक को कक्षा में सोते हुए देखा गया। यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब राज्य सरकार और शिक्षकों के बीच डिजिटल अटेंडेंस को लेकर विवाद चल रहा है।

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शिक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें सहायक अध्यापक नवीन कुमार कक्षा में बेंच पर लेटे हुए नजर आ रहे हैं। स्थानीय लोगों द्वारा बनाया गया यह वीडियो शिक्षा व्यवस्था की वास्तविकता को उजागर कर रहा है। इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या डिजिटल उपस्थिति प्रणाली वास्तव में शिक्षकों की कार्यकुशलता बढ़ाएगी? क्या यह प्रणाली शिक्षकों पर अनावश्यक दबाव डाल रही है? और सबसे महत्वपूर्ण, इस तरह की घटनाओं का छात्रों की शिक्षा पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

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बेसिक शिक्षा अधिकारी ने क्या कहा
जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी अनूप कुमार ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए कहा है कि जांच के बाद दोषी पाए जाने पर उचित कार्रवाई की जाएगी। यह घटना राज्य की शिक्षा व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता को रेखांकित करती है। यह घटना उस समय हुई जब सरकार डिजिटल अटेंडेंस लागू करने पर जोर दे रही है, जिसका शिक्षक संघ विरोध कर रहे हैं। 



क्या है डिजिटल अटेंडेंस 
डिजिटल अटेंडेंस प्रणाली शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने का एक नया तरीका है। इसके तहत, शिक्षकों को स्कूल परिसर में रहते हुए निर्धारित समय पर प्रेरणा ऐप पर अपनी फोटो अपलोड करनी होती है। स्कूल के शुरू होने से पहले, सुबह 7:30 से 7:45 के बीच, और छुट्टी के समय 2:30 से 2:45 के बीच ऐप सक्रिय रहता है। यह व्यवस्था शिक्षकों की समय पर उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन की गई है। हालांकि, शिक्षकों के विरोध के बाद, सरकार ने 30 मिनट का अतिरिक्त समय दिया है, जिससे अब शिक्षक साढ़े 8 बजे तक अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकते हैं। यह प्रणाली शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने का प्रयास है, लेकिन इसे लेकर शिक्षक समुदाय में असंतोष भी देखा जा रहा है।

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शिक्षकों का विरोध क्यों?
शिक्षकों का कहना है कि जिस समय यह व्यवस्था लागू की गई है वह गलत है। बारिश का मौसम है। कहीं बाढ़ में स्कूल डूबे हैं तो कहीं रास्ते। ऐसे में समय पर कैसे पहुंचेंगे। इसलिए शिक्षकों की मांग है कि हाफ सीएल की व्यवस्था हो और ऐप 24 घंटा खुला रहे। चार दिन देरी पर एक कैज़ुअल लीव काट ली जाए। शिक्षकों की यह भी मांग है कि आपात स्थिति में हाजिरी में ढील दी जाए। शिक्षकों का कहना है कि छुट्टी के वक्त की तय समय सीमा गलत है। अगर कोई इमरजेंसी आ गई तो शिक्षक कैसे जाएगा।

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