कोर्ट ने उच्च शिक्षा निदेशक प्रयागराज को याची के आवेदन पर निर्णय लेने का आदेश दिया है। कोर्ट ने निदेशक के उस आदेश को रद्द कर दिया।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लिया अहम फैसला : असाधारण परिस्थिति में पांच साल की नौकरी पूरी होने से पहले भी ले सकते हैं स्टडी लीव
Jul 11, 2024 10:11
Jul 11, 2024 10:11
इस मामले में आया है फैसला
न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी ने यह निर्णय प्रिया मिश्रा नामक एक सहायक प्रोफेसर की याचिका पर सुनाया। प्रिया मिश्रा वाराणसी के एक सरकारी महाविद्यालय में कार्यरत हैं और अपनी पीएचडी पूरी करने के लिए अध्ययन अवकाश की मांग कर रही थीं। प्रिया मिश्रा ने सरकारी नौकरी शुरू करने से पहले ही काशी हिंदू विश्वविद्यालय से अपनी पीएचडी का अधिकांश कार्य पूरा कर लिया था। उन्होंने नौकरी शुरू करने से पहले दो साल का अस्थायी अवकाश लिया था, जो जून 2023 में समाप्त हो गया। इसके बाद उन्होंने एक और साल के अध्ययन अवकाश के लिए आवेदन किया।
आदेश को दी हाईकोर्ट में चुनौती
हालांकि, उच्च शिक्षा निदेशक ने उनका आवेदन यह कहते हुए खारिज कर दिया कि नियमानुसार केवल पांच साल की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों को ही अध्ययन अवकाश दिया जा सकता है। इस निर्णय को प्रिया मिश्रा ने हाईकोर्ट में चुनौती दी।
याची के वकील ने दी ये दलील
अदालत में प्रिया मिश्रा के वकील ने तर्क दिया कि उत्तर प्रदेश के नियमों में 'सामान्यतः' शब्द का प्रयोग किया गया है, जो यह दर्शाता है कि विशेष मामलों में पांच साल की सेवा शर्त में छूट दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि प्रिया मिश्रा का मामला विशेष है, क्योंकि उन्हें अपना शोध कार्य पूरा करने के लिए मात्र एक साल और चाहिए।
असाधारण परिस्थिति में मिल सकता है अवकाश
इन तर्कों को सुनने के बाद न्यायालय ने उच्च शिक्षा निदेशक के आदेश को रद्द कर दिया और उन्हें एक महीने के भीतर कानून के अनुसार उचित निर्णय लेने का निर्देश दिया। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि विशेष परिस्थितियों में पांच साल की सेवा अवधि की शर्त में छूट दी जा सकती है।
शिक्षा जारी रखने वालों के लिए बड़ी राहत
यह निर्णय शिक्षा क्षेत्र में कार्यरत लोगों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है। इससे उन कर्मचारियों को फायदा होगा जो अपनी उच्च शिक्षा जारी रखना चाहते हैं लेकिन पांच साल की सेवा शर्त के कारण ऐसा नहीं कर पा रहे थे। यह फैसला शिक्षकों और अन्य सरकारी कर्मचारियों को अपने ज्ञान और कौशल को बढ़ाने का अवसर प्रदान करेगा, जिससे अंततः शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा।
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