चित्रकूट स्काई ग्लास ब्रिज : दरार के बाद सामने आया नया विवाद, निर्माण से पहले ही हो गया भुगतान, उठे सवाल

दरार के बाद सामने आया नया विवाद, निर्माण से पहले ही हो गया भुगतान, उठे सवाल
UPT | चित्रकूट स्काई ग्लास ब्रिज

Jul 07, 2024 20:40

वन विभाग के तत्कालीन अधिकारियों ने पिछले साल मार्च में ही, जब निर्माण की शुरुआत हुई थी, कंपनी को पूरा भुगतान कर दिया था। यह खुलासा वन विभाग के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है।

Jul 07, 2024 20:40

Chitrakoot News : चित्रकूट में निर्माणाधीन स्काई ग्लास ब्रिज को लेकर नए विवाद सामने आए हैं। हाल ही में ब्रिज की सीढ़ियों के नीचे प्लेटफॉर्म में दरारें दिखने के बाद, अब यह खुलासा हुआ है कि कार्यदायी कंपनी को निर्माण पूरा होने से पहले ही पूरा भुगतान कर दिया गया था। यह खुलासा वन विभाग के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है।

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दरार के बाद सामने आया नया विवाद
अब यह पता चला है कि वन विभाग के तत्कालीन अधिकारियों ने पिछले साल मार्च में ही, जब निर्माण की शुरुआत हुई थी, कंपनी को पूरा भुगतान कर दिया था। यह खुलासा वन विभाग के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है। न तो वित्तीय और न ही भौतिक प्रगति का सही मूल्यांकन किए बिना पूरी राशि का भुगतान किया गया।

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ब्रिज की अनुमानित लागत 3 करोड़ 70 लाख
पाठा क्षेत्र के मारकुंडी में तुलसी जल प्रपात के पास बन रहे इस ब्रिज की अनुमानित लागत तीन करोड़ 70 लाख रुपये है। वन विभाग ने इसका निर्माण कार्य मेसर्स पवनसुत कंस्ट्रक्शन कंपनी गाजीपुर को सौंपा था। लोकसभा चुनाव से पहले वन विभाग ने दावा किया था कि ब्रिज का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। लेकिन हाल ही में हुई बारिश के बाद इसकी सीढ़ियों के नीचे प्लेटफॉर्म में दरारें दिखाई दीं, जिससे निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे। 



प्रोजेक्ट पर कमीशनखोरी के आरोप
सूत्रों का कहना है कि इस जल्दबाजी के पीछे कुछ अधिकारियों की सेवानिवृत्ति को कारण बताया जा रहा है। इसके दबाव में निचले स्तर के अधिकारी और कर्मचारी मौन रहे। कुछ लोगों का यह भी मानना है कि यह प्रोजेक्ट कमीशनखोरी का शिकार हो गया। जिलाधिकारी शिवशरणप्पा जीएन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए खुद निरीक्षण किया और कमियों को सुधारने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि एक जांच समिति गठित की गई है जो पूरे मामले की जांच करेगी। वहीं, रानीपुर टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक डॉ. एनके सिंह ने कहा कि ब्रिज की वर्तमान स्थिति और कमियों की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है। उन्होंने यह भी बताया कि भुगतान में नियमों के अनुपालन के संबंध में उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।

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यूपी का पहला ग्लास ब्रिज
प्रदेश का पहला ग्लास ब्रिज चित्रकूट में तुलसी (शबरी) जल प्रपात पर बनाया गया है। यह भगवान राम के धनुष और बाण के आकार का बनाया गया है। चित्रकूट पर्यटन को बढ़ावा देने की अच्छी पहल है। यहां पर राक और हर्बल गार्डन से साथ रेस्टोरेंट भी बनाए जाएंगे। बताया जा रहा है कि खाई की ओर बाण की लंबाई 25 मीटर है, जबकि दोनों पिलर के बीच धनुष की चौड़ाई 35 मीटर है। वहीं पुल की भार क्षमता प्रति वर्ग मीटर में 500 किलोग्राम होगी।

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पुल का गजब नजारा
इस पुल की एक खासियत है जो पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करेगी। स्काई ग्लास ब्रिज पर पानी की तीन धाराएं चट्टानों से गिरती हैं। ये धाराएं लगभग 40 फीट की ऊंचाई से नीचे एक व्यापक जल शैया (वॉटर बेड) में गिरती हैं और जंगल में लुप्त हो जाती हैं। इस स्थान पर आने वाले लोग स्काई वाक पुल पर चलते हुए इस अनोखे दृश्य का आनंद ले सकते हैं, जहां चट्टानों पर से पानी गिरता है और नीचे जंगल का नजारा भी दिखाई देता है। यह जिस झरने के ऊपर बना था उसे शबरी जलप्रपात के नाम से जाना जाता था। बाद में इसका नाम बदलकर तुलसी जलप्रपात कर दिया गया।

राजगीर ब्रिज की तर्ज पर बना पुल
बता दें कि यूपी का ग्लास ब्रिज बिहार में राजगीर में बने ग्लास ब्रिज का तर्ज पर बनाया गया है। राजगीर का ग्लास ब्रिज भारत का दूसरा सबसे बड़ा ग्लास ब्रिज है। यह 200 फीट की ऊंचाई पर बना है। 6 फीट चौड़े पुल को काफी मजबूती से बनाया गया है। कांच का पुल होने की वजह से भी इस पुल पर 40 से ज्यादा खड़े हो सकते हैं। राजगीर के खूबसूरत जंगलों के बीच बना हुआ पुल सबके मन को भाया है। यहां से खूबसूरत नजारे देखने को मिलते हैं। ग्लास ब्रिज जाने के लिए एंट्री फीस 50 रुपये है और पुल पर घूमने के लिए 150 रुपये देने पड़ेंगे। राजगीर ग्लास ब्रिज को देखने का समय सुबह 9 बजे से शाम के 5 बजे तक है।

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भारत का सबसे लंबा और खूबसूरत ब्रिज
बता दें कि भारत देश का सबसे लंबा ग्लास पुल केरल में है। वागामोन की पहाड़ियों में समुद्र तल से 3,600 फीट की ऊंचाई पर स्थित ग्‍लास पुल की लंबाई 40 मीटर है। केरल में बना ग्‍लास ब्रिज बेहद खूबसूरत है। यहां पर दूर-दूर से पर्यटक इसे एक्सप्लोर करने आते हैं। पुल पर खड़े होकर हरे-भरे पहाड़ों, घाटियों कुट्टीकल और कोक्कयार के खूबसूरत नजदीकी शहरों के लुभावने दृश्यों का आनंद ले सकते हैं। यह 3 करोड़ रुपये की लागत से बना केरल के इडुक्की जिले में स्थित है।

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