सिद्धार्थनगर के बढ़नी कस्बे में पथराव : नेपाल से आए अज्ञात लोगों की भूमिका संदिग्ध, पुलिस कर रही छानबीन

नेपाल से आए अज्ञात लोगों की भूमिका संदिग्ध, पुलिस कर रही छानबीन
UPT | सिद्धार्थनगर के बढ़नी कस्बे में पथराव

Oct 11, 2024 01:08

नेपाल सीमा से सटे बढ़नी कस्बे में हुए बवाल के दौरान तस्करी के गठजोड़ का खुलासा हुआ है। पथराव के दौरान दो पक्ष आमने-सामने आए, जिसमें नेपाली नागरिक भी शामिल थे। जब मौके पर अधिकारी पहुंचे...

Oct 11, 2024 01:08

Siddharthnagar News : नेपाल सीमा से सटे बढ़नी कस्बे में हुए बवाल के दौरान तस्करी के गठजोड़ का खुलासा हुआ है। पथराव के दौरान दो पक्ष आमने-सामने आए, जिसमें नेपाली नागरिक भी शामिल थे। जब मौके पर अधिकारी पहुंचे, तो उन्होंने नेपाल के कृष्णानगर से आए लोगों को वापस लौटने का निर्देश दिया। अब जब माहौल शांत हो गया है। पुलिस प्रशासन उपद्रव के दौरान दंगा भड़काने की कोशिश करने वालों को पहचानकर उन्हें जेल भेजने की प्रक्रिया पर चर्चा कर रहा है।

यह भी पढ़ें- सिद्धार्थनगर में भारी बवाल : 9 साल की बच्ची से रेप मामले में आक्रोशित लोगों ने किया प्रदर्शन, फांसी देने की मांग

तस्करी पर अधिकारियों की नजर
आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ ही अधिकारियों की नजर तस्करी पर भी है। उन्हें लगता है कि तस्करों का हौसला बढ़ा हुआ है और बवाल में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। बॉर्डर पर बकरों के झुंड को चराने के लिए भेजा जाता है, जो नो मेन्स लैंड पार करते हैं। नेपाली तस्कर इन बकरों को पकड़ लेते हैं और उनकी कीमत डेढ़ गुना बढ़ जाती है। इसके अलावा, मछली की तस्करी भी गैर पारंपरिक रास्तों से होती है। मीट की तस्करी पर प्रतिबंध होने के कारण इसमें लाभ ज्यादा होता है।



नेपाल से आए थे लोग
बवाल के दौरान बाजार बंद करवाने वाले समर्थकों ने एक घर की छत से पत्थरबाजी करने का आरोप लगाते हुए प्रशासन से उन लोगों को बाहर निकालने की मांग की, जो घर के अंदर छिपे थे। झड़प के बाद चर्चा हुई कि बंदी के समय नेपाल से लोग आए थे। अज्ञात चेहरे अधिक दिखने के कारण पुलिस उन्हें पहचानने में असमर्थ रही। जब पुलिस ने कार्रवाई की, तो वे मौके से भाग गए और बाद में उनकी पहचान नहीं हो सकी। यह मामला अब एक सवाल बन गया है।

बढ़नी कस्बे में तस्करी आम बात
बढ़नी कस्बा नेपाल सीमा पर स्थित है, जहां तस्करी आम बात है। हाल के दिनों में बकरों और मछलियों की तस्करी जोरों पर है। स्थानीय लोग अपनी बकरियों को सीमा के पास चराने के लिए ले जाते हैं और जैसे ही मौका मिलता है, बकरों को नेपाल पहुंचा दिया जाता है। नेपाल में बकरों की कीमत भारतीय रुपये की तुलना में दुगनी हो जाती है। उदाहरण के लिए, भारत में बकरा 600 रुपये प्रति किलोग्राम है, जबकि नेपाल में यह 900 रुपये प्रति किलोग्राम बिकता है। इसी तरह, मछली की तस्करी में भी मोटा मुनाफा होता है, जहां भारत में इसकी कीमत 150 से 300 रुपये प्रति किलोग्राम होती है, जबकि नेपाल में यह 200 से 400 रुपये तक बिकती है।

तस्कर सीमा के पास बकरियां पालने वालों के साथ संपर्क में रहते हैं। वे बकरों को बहराइच जैसे स्थानों से खरीदकर इन पालने वालों को सौंपते हैं। इसके बाद, बकरा पालने वाले सीमा की ओर बकरियों के झुंड को ले जाते हैं। मौके का फायदा उठाकर बकरों को इस पार से उस पार पहुंचा दिया जाता है। इसी तरह, मछली की तस्करी भी नो मेन्स लैंड के रास्ते की जाती है।

यह भी पढ़ें- कल यूपी में सार्वजनिक अवकाश का ऐलान : नवमी पर योगी सरकार ने लिया फैसला, बंद रहेंगे सभी संस्थान

भारत-नेपाल समुदाय में गठजोड़
इस तस्करी के कारण भारतीय सीमा पर एक समुदाय और नेपाल में रहने वाले समुदाय के बीच बड़ा गठजोड़ बना हुआ है। इसी गठजोड़ के चलते बवाल के दिन 25 से 30 लोग यहां पहुंच गए थे। बवाल के दिन नेपाल से आए लोगों की जांच की जाएगी। घटना के सभी पहलुओं की गहराई से जांच की जा रही है और आरोपियों की जानकारी भी जुटाई जा रही है। तस्करी के मामलों में कार्रवाई के लिए जांच जारी है, और सीमा पर सुरक्षा को बढ़ाया गया है। अधिकारियों ने बॉर्डर पर पैनी नजर रखने का निर्देश दिया है।

Also Read

मुनाफे के चक्कर में मिलाया केमिकल, वायरल वीडियो से यूपी के इस जिले में हड़कंप

22 Nov 2024 01:29 PM

बस्ती एक डिब्बे से 50 गिलास अनार जूस : मुनाफे के चक्कर में मिलाया केमिकल, वायरल वीडियो से यूपी के इस जिले में हड़कंप

यूपी में मिलावटखोरी का सिलसिला फिर से शुरू हो गया है। प्रदेश में पिछले दिनों थूक की मिलावट की वीडियो खूब वायरल हुई थी। वहीं ताजा मामला केमिकल मिलाने का है... और पढ़ें