रविवार की रात को एक और दर्दनाक घटना सामने आई, जहां एक भेड़िये ने दो महिलाओं पर हमला किया। इस हमले में एक महिला की मौत हो गई, जबिक दूसरी गंभीर रूप से घायल हो गईं...
बहराइच में भेड़िये का कहर जारी : घर में घुस कर किया हमला, एक महिला की मौत दूसरी घायल
Aug 26, 2024 17:59
Aug 26, 2024 17:59
- बहराइच जिले में भेड़िये का आतंक लगातार जारी है
- पिछले डेढ़ महीने में छह लोगों को अपना शिकार बनाया
- रविवार रात को एक भेड़िये ने दो महिलाओं पर हमला किया
घर के आंगन में घुसकर किया हमला
ग्राम पंचायत महसी के मजरा कुम्हारन पुरवा में 45 वर्षीय रीता देवी अपने घर के आंगन में सो रही थीं, जब भेड़िये ने उन पर हमला कर दिया। रीता देवी की चीखें सुनकर उनका बड़ा बेटा अमृत लाल वर्मा (22 वर्ष) दौड़कर आया और भेड़िये से भिड़ गया। परिवार के अन्य सदस्यों के आने पर भेड़िया भाग गया, लेकिन तब तक रीता देवी गंभीर रूप से घायल हो चुकी थीं। उन्हें तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र महसी ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बताया जा रहा है कि मृतका का पति राम नरेश पंजाब में रहता है और मजदूरी करता है। उनके दो बेटे अमृत लाल वर्मा और धर्मेंद्र वर्मा (15 वर्ष) हैं।
विधायक ने पीड़ित परिवारों से की मुलाकात
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय प्रशासन हरकत में आ गया। महसी के विधायक सुरेश्वर सिंह घटनास्थल पर पहुंचे और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने परिस्थितियों का जायजा लेने के साथ-साथ लोगों को ढांढस भी बंधाया। इस दौरान, वे खुद हाथों में बंदूक लेकर प्रभावित क्षेत्रों में गश्त करते नजर आए।
घायल महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया
इसी रात, भेड़िये ने खैरीघाट थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत भवानीपुर के मजरा लोनियनपुरवा में 25 वर्षीय काजल पर भी हमला किया। काजल को गंभीर चोटें आईं और उन्हें इलाज के लिए सीएचसी महसी में भर्ती कराया गया है।
भेड़ियो को पकड़ने के लिए चलाया गया अभियान
जिला प्रशासन ने भेड़िये को पकड़ने के लिए व्यापक अभियान शुरू किया है। डीएफओ अजीत प्रताप सिंह के नेतृत्व में वन विभाग की टीमें लगातार तलाश में जुटी हुई हैं। इसके अलावा, आसपास के जिलों से भी सहायता मांगी गई है। बहराइच के अलावा कतर्नियाघाट, गोंडा, श्रावस्ती, बलरामपुर और बाराबंकी के वन अधिकारी भी इस अभियान में शामिल हो गए हैं। जिला प्रशासन ने भेड़िये से प्रभावित 32 गांवों में विशेष टीमें तैनात की हैं और 11 अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाया है। इन प्रयासों का मुख्य उद्देश्य भेड़िये को जल्द से जल्द पकड़ना और स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
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ड्रोन कैमरे से की जा रही निगरानी
प्रशासन ने भेड़िये को पकड़ने के लिए आधुनिक तकनीक का भी सहारा लिया है। ड्रोन कैमरों से निगरानी की जा रही है, साथ ही जाल और पिंजरे भी लगाए गए हैं। इतने व्यापक प्रयासों के बावजूद भेड़िया अभी तक पकड़ से दूर है, जो स्थानीय लोगों में भय और चिंता का कारण बन रहा है।हालांकि, डीएफओ अजीत प्रताप सिंह ने इस घटना को लेकर कुछ संदेह जताया है। उनका कहना है कि 60 किलो वजन की एक महिला को भेड़िये द्वारा उठा ले जाना समझ से परे है। वे इस मामले की हर पहलू से बारीकी से जांच कर रहे हैं।
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