अस्पताल में भर्ती एक घायल यात्री ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा, "मेरे दोनों पैर कट गए हैं। मैं अपने परिवार का एकमात्र कमाने वाला सदस्य हूं। अब मेरा क्या होगा?
डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस हादसा : रेल पटरी के किनारे कटे हाथ-पांव, चीख-पुकार और अफरातफरी
Jul 18, 2024 22:32
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मदद के लिए चिल्ला रहे थे लोग
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दुर्घटना के तुरंत बाद का दृश्य दिल दहला देने वाला था। एक यात्री ने बताया, "अचानक एक जोरदार झटका लगा और फिर चारों ओर अंधेरा सा छा गया। जब मैं होश में आया, तो चारों ओर चीख-पुकार मच रही थी।" पलटी हुई बोगियों से लोगों की मदद की गुहार सुनाई दे रही थी। कई यात्री अपने परिजनों को ढूंढने के लिए इधर-उधर भाग रहे थे। एक अन्य यात्री ने कहा, "मैंने अपनी आंखों के सामने लोगों को मरते देखा। कुछ लोग डिब्बों के मलबे में फंसे हुए थे और मदद के लिए चिल्ला रहे थे।"
किसी के पैर कट गए, किसी का सामान गायब
अस्पताल में भर्ती एक घायल यात्री ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा, "मेरे दोनों पैर कट गए हैं। मैं अपने परिवार का एकमात्र कमाने वाला सदस्य हूं। अब मेरा क्या होगा?" कई यात्रियों ने अपने सामान और महत्वपूर्ण दस्तावेज खोने की बात कही। एक महिला यात्री ने रोते हुए कहा, "मेरी बेटी की शादी के लिए जो गहने लाई थी, वो सब गायब हो गए। अब मैं क्या करूंगी?"
बचाव कार्य में चुनौती
स्थानीय लोगों और पुलिस ने तत्काल बचाव कार्य शुरू किया, लेकिन उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। एक पुलिस अधिकारी ने बताया, "हमने जैसे-तैसे पलटी हुई बोगियों में फंसे लोगों को निकाला। कई घायलों के शरीर के अंग कट गए थे, जिससे उन्हें निकालना और भी मुश्किल हो गया था।" बचावकर्मियों ने बताया कि एसी कोच में फंसे यात्रियों को निकालने में सबसे ज्यादा दिक्कत आई। "एसी कोच के दरवाजे जाम हो गए थे। हमें उन्हें तोड़कर अंदर घुसना पड़ा," एक बचावकर्मी ने कहा।
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स्थानीय लोगों ने की मदद
हादसे के बाद आसपास के गांवों के लोग मदद के लिए दौड़ पड़े। एक स्थानीय निवासी ने बताया, "हमने अपने घरों से चादरें और तकिये लाकर घायलों को आराम पहुंचाने की कोशिश की। कुछ लोग पानी और खाना लेकर आए।" घटनास्थल पर अफवाहों का भी दौर चला। कुछ लोगों ने दावा किया कि मृतकों की संख्या सरकारी आंकड़ों से कहीं ज्यादा है। हालांकि, अधिकारियों ने इन दावों को खारिज किया और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की।
हर संभव मदद का वादा
रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने घटनास्थल का दौरा किया और जांच के आदेश दिए हैं। एक अधिकारी ने कहा, "हम इस दुर्घटना के कारणों की गहन जांच करेंगे और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।" मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घायलों के इलाज और मृतकों के परिजनों को मुआवजे का ऐलान किया है। उन्होंने कहा, "हम पीड़ित परिवारों के साथ हैं और उन्हें हर संभव मदद मुहैया कराएंगे।"
इन नंबरों से मदद ले सकते हैं
इस बीच, रेलवे ने यात्रियों और उनके परिजनों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। गोंडा के लिए 9957555984 नंबर जारी किए गए हैं।
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