भ्रष्टाचार निवारण संगठन देवीपाटन मंडल, गोंडा इकाई ने इस मामले में तत्कालीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी शमीम अहमद और कनिष्ठ लिपिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
गोंडा में मदरसा संचालन घोटाला : पूर्व अधिकारी पर मुकदमा, सात वर्षों से लापता
Jan 14, 2025 18:07
Jan 14, 2025 18:07
फर्जी भुगतान से करोड़ों का घोटाला
सूत्रों के अनुसार, शमीम अहमद पर मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत लगभग 800 शिक्षकों को फर्जी वेतन भुगतान कर करोड़ों रुपये का घोटाला करने का आरोप है। जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के कई अन्य अधिकारी और कर्मचारी भी इस भ्रष्टाचार में शामिल बताए जा रहे हैं। अहमद ने अपने कार्यकाल के दौरान गोंडा जिले में सबसे अधिक मदरसों को मान्यता दिलाई थी।
जांच में आ रही जटिलताएं
एटा में चार्ज ग्रहण न करने के कारण विभागीय जांच और कानूनी कार्रवाई में कठिनाइयां आ रही हैं। मार्च 2024 में कनिष्ठ सहायक हेमंत पांडेय ने शमीम अहमद के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें चार्ज देने से इनकार करने का आरोप लगाया गया था। इसके बाद भ्रष्टाचार निवारण संगठन ने मामले की जांच शुरू की।
नोटिस और सर्विलांस का सहारा
भ्रष्टाचार निवारण संगठन के देवीपाटन मंडल प्रभारी निरीक्षक धनंजय सिंह ने बताया कि शमीम अहमद को कई बार नोटिस भेजी गई, लेकिन उन्होंने कोई दस्तावेज नहीं सौंपे और न ही बयान दिया। अब उनके खिलाफ एक और नोटिस जारी की जाएगी। संगठन उनकी लोकेशन का पता लगाने के लिए सर्विलांस की मदद लेगा।
शासन और प्रशासन की सख्ती
सरकार इस घोटाले को लेकर सख्त है और मामले की गहन जांच की जा रही है। शमीम अहमद का लंबे समय से लापता होना और जांच में सहयोग न देना प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है। अधिकारियों का मानना है कि जल्द ही अहमद का पता लगाकर पूछताछ की जाएगी, ताकि मामले का पूरा सच सामने आ सके।
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