शहर के 1700 एकड़ में विस्तारित क्षेत्र को विनियमितीकरण करने को हरी झंडी मिल गई है। इससे हरित क्षेत्र (ग्रीन लैंड), खुला क्षेत्र (ओपन एरिया) और डंपिंग ग्राउंड की जमीनों पर विकसित 40 से अधिक कॉलोनियों की करीब दो लाख की आबादी को राहत मिलेगी।
बड़ी राहत : वैध हो जाएंगी 40 कॉलोनियां, दो लाख लोगों को मिलेगा फायदा, पास करवा सकेंगे मानचित्र
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Jan 04, 2024 16:36
Jan 04, 2024 16:36
मुख्यमंत्री को महायोजना-2031 की जानकारी दी
गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) की महायोजना-2031 जल्द ही प्रभावी हो सकती है। बुधवार को जीडीए उपाध्यक्ष आनंद वर्द्धन ने लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष महायोजना-2031 का अंतिम प्रस्तुतीकरण दिया। जीडीए उपाध्यक्ष आनंद वर्द्धन ने 25 दिसंबर को मुख्यमंत्री के समक्ष महायोजना 2031 की ऑनलाइन प्रस्तुत किया था। इसमें पर्याप्त हरित क्षेत्र रखने, व्यावसायिक एवं औद्योगिक क्षेत्र बढ़ाने का सुझाव दिया गया था। इन सुझावों को जीडीए की ओर से प्रारूप में शामिल कर लिया गया है। बुधवार शाम को सीएम योगी के सामने संशोधित बिन्दुओं को प्रमुखता से रखा गया। मुख्यमंत्री की ओर से महायोजना को हरी झंडी दे दी गई है। मुख्यमंत्री ने शहर के विस्तारीकरण पर जोर देते हुए नियोजित विकास करने का निर्देश जीडीए को दिया है। ताकि अनियोजित कॉलोनियां विकसित न होने पाए।
सहारा स्टेट की तरफ बनेगी जेट्टी
प्रस्तुतिकरण में मोहद्दीपुर-पैडलेगंज बाईपास सड़क को जेट्टी बनाने का विकल्प रखा गया। इस पर मुख्यमंत्री ने जेट्टी सहारा स्टेट की ओरबनाने का सुझाव दिया। साथ ही शहर के विभिन्न प्रवेश द्वार के बाहर ट्रांसपोर्टनगर रखने का सुझाव दिया। शहर में स्थापित उद्योग को शहर से बाहर विस्थापित करने का विकल्प देने का सुझाव दिया है। जीडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि महायोजना-2031 के प्रारूप को लेकर अंतिम प्रस्तुतीकरण दे दिया गया है। उम्मीद है कि जल्द ही महायोजना प्रभावी हो जाएगी।
इन इलाकों को मिलेगा लाभ
महायोजना-2031 में शहर के 1700 एकड़ जमीन के विनियमितीकरण पर शासन की सहमति से 40 से अधिक कॉलोनियों की करीब दो लाख की आबादी को राहत मिल जाएगी। यह क्षेत्र 2001 में हरित क्षेत्र (ग्रीन लैंड) घोषित कर दिया गया था। जबकि 2008 में तैयार महायोजना-2021 में इस क्षेत्र को पीला दर्शाया गया था। महायोजना-2031 में पहले इसे विनियमितीकरण करने का प्रयास किया गया। लेकिन कुछ अड़चन आने से जीडीए ने पीछे हट गया था। अब शासन से सहमति मिलने के बाद इस क्षेत्र के के लोगों के मकान भी वैध हो जाएंगे। वह भी अपने मकान का मानचित्र पास करा सकेंगे। इस क्षेत्र के विनियमितीकरण के बाद ग्रीन लैंड में बसी रामजानकीनगर, इंदिरा नगर, देवरिया बाईपास रोड समेत विभिन्न इलाकों के कई कॉलोनियों को नियमित किया जा सकेगा। इसी तरह गोरखनाथ से बरगदवां रोड के बीच प्रॉपर्टी डीलरों द्वारा विकसित आधा दर्जन कॉलोनियां हरित क्षेत्र में विकसित कर दी गई हैं। सिक्टौर के आसपास भी कई कॉलोनियां हरित क्षेत्र में विकसित करने की बात सामने आ रही थी। अब इन इलाकों की कॉलोनियों को भी नियमित करने की संभावना बढ़ जाएगी।
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