वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में रनर और विनर की भूमिका में रही भाजपा व बसपा ने 2024 के चुनाव में अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। ऐसे में किस करवट बैठेगा देवरिया संसदीय सीट का चुनाव? ये कह पाना...
लोकसभा चुनाव : रनर-विनर ने नहीं खोले पत्ते, बसपा की चाल भाजपा को करेगी निढाल...
Apr 10, 2024 17:36
Apr 10, 2024 17:36
- 2019 के लोकसभा चुनाव में रनर थी बसपा
- एक जून को देवरिया में होना है मतदान
भाजपा के बागियों को टिकट दे सकती है बसपा
लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा का, बसपा अपने उम्मीदवार बदलने में देरी नहीं करती। साल 2022 के विधानसभा चुनाव पर गौर करें तो बरहज से भाजपा के विधायक रहे सुरेश तिवारी का टिकट कटा तो बसपा ने उन्हें रूद्रपुर विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार बना दिया। सुरेश तिवारी भले ही हार गए लेकिन, चुनावी विश्लेषकों का मानना था कि सुरेश तिवारी को जो वोट मिले थे, उनमें ज्यादातर भाजपा के थे।
दूसरे नंबर पर था बसपा का उम्मीदवार
साल 2019 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो देवरिया संसदीय सीट से बसपा ने मुरली मनोहर जायसवाल को उम्मीदवार बनाया था, जो दूसरे नंबर पर रहे। इस बार के चुनाव में पार्टी ने प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। इधर कांग्रेस-सपा गठबंधन ने कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह को मैदान में उतारा है। भाजपा अभी उम्मीदवार के मंथन में जुटी हुई है। ऐसा माना जा रहा है कि भाजपा की ओर से प्रत्याशी का ऐलान होने के बाद बागी नेताओं पर बसपा दांव लगा सकती है। जिससे भाजपा का समीकरण गड़बड़ा सकता है।
लोकसभा चुनाव 2019 का चुनाव परिणाम
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में देवरिया सदर सीट से भाजपा उम्मीदवार रमापति राम त्रिपाठी निर्वाचित हुए थे। उन्हें कुल 5,80,644 मत प्राप्त हुए थे। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बसपा प्रत्याशी विनोद कुमार जायसवाल को 2,49,931 मतों के अंतर से हराया था।
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