गोरखपुर में क्रूज की वेबसाइट हैक कर टिकट बुक करने के मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें से एक नीट की तैयारी कर रहा छात्र और दूसरा एक कोचिंग संस्थान का संचालक है। दोनों ने फर्जीवाड़े के तहत क्रूज टिकटों को मात्र एक रुपये में बुक किया था। एसटीएफ की मदद से की गई इस गिरफ्तारी ने साइबर अपराध की इस घटना का पर्दाफाश किया है।
Gorakhpur News : नीट की तैयारी कर रहे छात्र ने हैक की थी क्रूज की वेबसाइट, पुलिस ने एसटीएफ की मदद से दो को किया गिरफ्तार
Jan 04, 2025 12:04
Jan 04, 2025 12:04
पकड़े गए आरोपितों की पहचान उरुवा बाजार के गोहलिया निवासी राजन साहनी (24) और पीपीगंज कबीरनगर बगहीभारी के शिवम निषाद (19) के रूप में हुई।
एप की मदद से वेबसाइट हैक कर टिकट बुक कराया था
नीट की तैयारी करने वाले आरोपित शिवम निषाद ने ब्रूप स्वीट कम्युनिटी एडिशन एप की मदद से वेबसाइट हैक कर टिकट बुक कराया था। एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया है कि दोनों आरोपी पुराने दोस्त हैं। इसमे शिवम नीट की तैयारी कर रहा है। जबकि राजन कोचिंग चलाता है। इसमे शिवम निषाद बेहद शातिर है। शिवम टेलीग्राम पर लिंक हंटर ग्रुप में जुड़ा था। इसपर पांच कंपनियों के लिंक डाले गए थे, इसमे गोरखपुर रामगढ़ताल के लेक क्वीन क्रूज का भी एक लिंक था।
टेलीग्राम पर लिंक डालकर बताया गया कि इसके जरिए इन कंपनियों के टिकट केवल एक रुपये में बुक कराए जा सकते हैं। आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। एसपी ने बताया कि शिवम के घर 20 दिसंबर को राजन आया था। तब शिवम ने राजन के यूपीआई नंबर से लेक क्वीन क्रूज का तीन हजार रुपये का टिकट एक रुपये में 27 दिसंबर की डेट का बुक कराया। 27 को राजन क्रूज गया, वहां पर आराम से उसने पार्टी की और वापस लौटकर आया। इसके बाद फिर शिवम ने राजन के ही यूपीआई से 31 दिसंबर का चार टिकट एक रुपये में बुक कराया। उसकी कीमत 12 हजार थी।
बैंक खाते की जांच में सच्चाई आए थी सामने
क्रूज के संचालक राजकुमार राय ने केस दर्ज कराया था। उन्होंने बताया कि 31 दिसंबर को टिकटों की बिक्री की जांच की तो 12 हजार रुपये कम मिले। क्रूज का ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही तरीके से टिकट बुक होता है। उन्होंने ऑनलाइन वेबसाइट पर टिकटों की जांच की तो पता चला कि राजन नाम की आईडी से टिकट बुक किया था। इसके लिए एक रुपये जमा किए गए थे। इसके बाद दोबारा फिर राजन के नाम से ही टिकट एक रुपये में बुक किए गए थे, तब संचालक को आरोपियों की जालसाजी सामने आ गई। सीसीटीवी कैमरे से आरोपियों की पहचान कर शिवम और राजन को पकड़ा।
लिंक हंटर ग्रुप का पता लगा रही पुलिस
आरोपियों को फर्जीवाड़े का तरीका बताने वाले लिंक हंटर ग्रुप के यूजर के बारे में पुलिस जानकारी जुटा रही है। इसके लिए टेलीग्राम से यूजर आईडी और आईपी एड्रेस मेल करके मांगा जाएगा। इससे मुख्य आरोपी तक पुलिस पहुंच सके।
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