Gorakhpur News : ‘हितायु-2024’ विषयक तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ, विशिष्ट बीमारियों पर निरंतर अनुसंधान करें वैद्य

‘हितायु-2024’ विषयक तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ, विशिष्ट बीमारियों पर निरंतर अनुसंधान करें वैद्य
UPT | तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ।

Oct 27, 2024 18:22

महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित गुरु गोरक्षनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में आयुर्वेद से परिभाषित जीवन शैली पर केंद्रित....

Oct 27, 2024 18:22

Gorakhpur News : खबर गोरखपुर से है जहां महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित गुरु गोरक्षनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में आयुर्वेद से परिभाषित जीवन शैली पर केंद्रित ‘हितायु-2024’ विषयक तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ रविवार को हुआ। उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एके सिंह ने कहा कि प्राचीनतम चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद आज भी न केवल प्रासंगिक है बल्कि दुनिया में इसकी महत्ता फिर तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में आयुर्वेद के वैद्यों की यह जिम्मेदारी बनती है कि वे विशिष्ट बीमारियों पर निरंतर अनुसंधान करें ताकि हानिरहित इस चिकित्सा पद्धति का और विस्तार हो।
 
आयुर्वेद चिकित्सकों को खुद को गर्व से वैद्य कहना चाहिए
प्रो. एके सिंह ने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सकों को खुद को गर्व से वैद्य कहना चाहिए। इससे अलग और विशिष्ट पहचान बनेगी। श्रेष्ठ वैद्य बनने के लिए अपना ज्ञानवर्धन करते रहना चाहिए। उन्होंने आयुर्वेद के अनुरूप आहार, विहार, ऋतुचर्या आदि की विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि इन्हें अपनाकर बीमारियों से बचा जा सकता। प्रो. सिंह ने कहा कि किसी वैज्ञानिक ज्ञान का उपयोग समाज के उद्धार के लिए किया जाना चाहिए।

आज का दौर प्रतिस्पर्धा का है : कुलपति
राष्ट्रीय संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी ने कहा कि आयुर्वेद को कई देशों के लोगों द्वारा आरोग्यता प्राप्त करने के लिए अपनाया जा रहा है। आयुर्वेद के प्रति लोगों का विश्वास एक बार फिर तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि आज का दौर प्रतिस्पर्धा का है, इसलिए यह आवश्यक है कि वैद्य भी अपने ज्ञान क्षेत्र का सतत विस्तार करते रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित गोरक्षनाथ मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के प्रिंसिपल डॉ. अरविंद कुशवाहा प्रधानाचार्य ने कहा कि प्राचीन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद की इस राष्ट्रीय संगोष्ठी से निकले निष्कर्ष दूरगामी प्रभाव डालेंगे। राष्ट्रीय संगोष्ठी में अतिथियों का स्वागत गोरक्षनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के प्रिंसिपल डॉ. गिरधर वेदांतम ने किया। इस अवसर पर डॉ रश्मि पुष्पन, डॉ. परीक्षित देवनाथ समेत कई शिक्षक, अलग-अलग जगहों से आए संगोष्ठी के प्रतिभागी और विद्यार्थी उपस्थित रहे। 
 
वैज्ञानिक सत्र में हुई आयुर्वेद के विविध आयामों पर चर्चा
संगोष्ठी के पहले दिन वैज्ञानिक सत्र में आयुर्वेद के विविध आयामों पर चर्चा हुई। पहले सत्र में स्वास्थ्य सूचना विज्ञान, सार्वजनिक स्वास्थ्य और आयुर्वेद विषय पर मुख्य वक्ता रिसर्च एंड इनफॉरमेशन सिस्टम फॉर डेवलपिंग नेशन, नई दिल्ली के कंसल्टेंट डॉ सरीन एनएस रहे। उन्होंने आयुष ग्रिड के बारे में बताया जिसकी शुरुआत सीसीआईआरएस द्वारा की गई है। जिसमें आयुष डाटा को भी सम्मिलित किया गया है। फिर उन्होंने नमस्ते पोर्टल के बारे में बताया जिसमें 2888 आयुर्वेद कोड है। जिससे व्यक्ति के विभिन्न व्याधियों को आयुर्वेद के अनुसार पता किया जा सकता है। 

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