उत्तर प्रदेश के राजकीय पक्षी सारस की संख्या में तेजी से कमी आ रही है। यह बात कराई गई गणना में सामने आई है। सोहागी बरवा सेंक्चुयरी में पिछले साल गणना में 347 सारस पाए गए थे, जबकि इस साल ...
तेजी से घट रही है राजकीय पक्षी की संख्या : सोहगी बरवा सेंक्चुयरी में पिछली गणना से 8 कम सारस मिले
![सोहगी बरवा सेंक्चुयरी में पिछली गणना से 8 कम सारस मिले](https://image.uttarpradeshtimes.com/ib-thumbnail-2024-06-23t112534540-81429.jpg)
Jun 23, 2024 11:26
Jun 23, 2024 11:26
जनपद में कराई गई गणना
महराजगंज जिले में सारसों की संख्या में कमी आ रही है। यह बात कराई गई गणना में सामने आई है। पिछले साल गणना में 347 सारस पाए गए थे, जबकि इस साल इनकी संख्या 339 पाई गई है। इस तरह आठ सारस कम पाए गए हैं। पिछले वर्ष हुई सारस की गणना में 300 व्यस्क और 47 बच्चे मिले थे। लेकिन इस बार सोहागी बरवा वन्य जीव प्रभाग के समस्त सातों रेंज क्षेत्रों में मात्र 339 सारस ही मिले हैं, जिसमें 33 बच्चे हैं।
क्या कहते हैं वन अधिकारी
प्रभागीय वन अधिकारी नवीन प्रकाश शाक्य ने बताया कि यह प्रारंभिक रिपोर्ट है। पूरी रिपोर्ट आने के बाद संख्या में वृद्धि होने की संभावना है। कई बार यहां वहां विचरण करने से भी इनकी संख्या कम हो जाती है।
लगातार घटती संख्या चिंता का विषय
भारतीय सारस दुनिया के सबसे बड़े उड़ने वाले पक्षी हैं, जो तेजी से विलुप्त हो रहे हैं। प्राकृतिक धरोहरों और आर्द्रभूमि के संरक्षण और स्वास्थ्य में इनकी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। सारसों की लगातार घटती संख्या पर्यावरण और वन्यजीव प्रेमियों के लिए बहुत चिंता का विषय है।
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