पिछले सात सालों में बदल गई गोरखपुर की तस्वीर : जहां पहले इंडस्ट्री लगाने से डरते थे पूंजीपति, अब वहां निवेशों की हो रही बारिश

जहां पहले इंडस्ट्री लगाने से डरते थे पूंजीपति, अब वहां निवेशों की हो रही बारिश
UPT | रखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण।

Mar 24, 2024 17:26

माहौल बदलने का असर क्या होता है, इसका एक बड़ा सटीक जवाब आपको आज के गोरखपुर को देखकर मिल जाएगा। लंबे दौर तक पहचान को जूझता रहा यह जिला इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, रोड, रेल और एयर कनेक्टिविटी के मामले में मजबूत होकर औद्योगिक नक्शे पर भी चमक गया है।

Mar 24, 2024 17:26

Short Highlights
  • इंडस्ट्री और गोरखपुर के बीच अब विरोधाभासी नहीं, पूरक रिश्ता
  • सात साल में बदला माहौल तो बिछने लगा इंडस्ट्री का जाल
  • मुख्यमंत्री के रूप में हर साल योगी आदित्यनाथ ने किया गीडा का छह से सात बार दौरा
  • मल्टीनेशनल समेत कई बड़ी यूनिट्स का हुआ लोकार्पण और शिलान्यास
Gorakhpur News : इंडस्ट्री और गोरखपुर के बीच दशकों तक विरोधाभासी रिश्ता बना रहा लेकिन पिछले सात साल में माहौल ऐसा बदला कि अब दोनों एक दूसरे के पूरक रूप में देखे जा रहे हैं। जिस गोरखपुर में स्थानीय पूंजीपति भी औद्योगिक निवेश करने से घबराते थे, अब वहां देश की नामी कंपनियों के आने की होड़ सी दिखती है। गोरखपुर को औद्योगिक विकास के नक्शे पर स्थापित करने के लिए नोएडा की तर्ज पर गीडा (गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण) की स्थापना यूं तो 34 साल पहले ही कर दी गई थी, लेकिन नोएडा से प्रतिस्पर्धा का दौर बीते आधे दशक में शुरू हुआ है। इंडस्ट्री को लेकर नकारात्मक धारणा वाले इस क्षेत्र में इंडस्ट्री फ्रेंडली होने की यह दास्तां महज सात साल पुरानी है। 

2017 के बाद से बदला माहौल
माहौल बदलने का असर क्या होता है, इसका एक बड़ा सटीक जवाब आपको आज के गोरखपुर को देखकर मिल जाएगा। लंबे दौर तक पहचान को जूझता रहा यह जिला इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, रोड, रेल और एयर कनेक्टिविटी के मामले में मजबूत होकर औद्योगिक नक्शे पर भी चमक गया है। जिस जिले से उद्यमियों ने मुंह फेर लिया था, वहां 2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद से औद्योगिक प्रगति का ऐसा माहौल बनना शुरू हुआ कि देश की बड़ी-बड़ी कंपनियां, यहां तक कि मल्टीनेशनल भी इंडस्ट्री लगा रही हैं। बदलाव के इन सात सालों में समाप्त हो रहा वित्तीय वर्ष औद्योगिक विकास की रफ्तार को सर्वाधिक तेजी देने वाला रहा है। इस दौरान गोरखपुर के विशिष्ट औद्योगिक क्षेत्र गीडा में मल्टीनेशनल समेत कई ऐसी बड़ी यूनिट्स का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ जो तीन दशक पहले तक सिर्फ कल्पनाओं की बात होती थीं। 

उद्यमियों को प्रोत्साहित करते रहते हैं सीएम योगी
इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता कि 2017 के पहले तक लचर कानून व्यवस्था, सुविधाओं के घोर अभाव और सरकारों के उदासीन रवैये से गीडा में निवेश दूर की कौड़ी लगती थी। मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने उद्यमियों और उनकी पूंजी की सुरक्षा की गारंटी देने का ऐलान किया, इंडस्ट्री फ्रेंडली नीतियां बनाईं तो गीडा भी निवेश के लिए लिए बेहतरीन गंतव्य बन गया है। पहले जहां सालों तक कोई मुख्यमंत्री गीडा झांकने तक नहीं आता था, वहीं बतौर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हर साल छह-सात बार गीडा आकर उद्यमियों को प्रोत्साहित करते हैं। बीते सात साल में गीडा में करीब 20000 करोड़ रुपये की निवेश परियोजनाएं धरातल पर उतर चुकी हैं। 

ये कंपनियां गीडा आईं
बीते एक साल में (अप्रैल 2023 से मार्च 2024 तक) गीडा में 1100 करोड़ रुपये के निवेश वाली पेप्सिको जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनी यूनिट का शिलान्यास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों हो चुका है। वहीं 118 करोड़ रुपये के निवेश वाली ज्ञान डेयरी की यूनिट, जल जीवन मिशन में सप्लाई देने वाली तत्वा प्लास्टिक की 110 करोड़ रुपये निवेश वाली पाइप फैक्ट्री का उद्घाटन करने के साथ ही 1200 करोड़ रुपये का निवेश करने वाली केयान डिस्टलरी के एथेनॉल व डिस्टलरी प्लांट तथा 300 करोड़ रुपये के निवेश वाली एसडी इंटरनेशनल की प्लास्टिक रिसाइक्लिंग एवं फूड पैकेजिंग कंटेनर यूनिट का भी शिलान्यास कर चुके हैं। इसके अलावा 50 करोड़ रुपये के निवेश से सेंट्रल वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन के इंडस्ट्रियल वेयरहाउस का भी शिलान्यास हो चुका है।

गारमेंट पार्क, फ्लैटेड फैक्ट्री और प्लास्टिक पार्क भी
गीडा में 25 एकड़ में गारमेंट पार्क, 88 एकड़ में प्लास्टिक पार्क विकसित हो रहा है तो 34 करोड रुपये की लागत से फ्लैटेड फैक्ट्री भी बन रही है। गीडा की तरफ से प्लास्टिक पार्क प्रोजेक्ट गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के किनारे सेक्टर-28 में 88 एकड़ विकसित किया गया है। यहां प्लास्टिक उद्योग की 92 इकाइयों के लिए स्थान एवं समस्त आवश्यक अवस्थापना सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इसमें लगभग 5000 व्यक्तियों को रोजगार मिल सकेगा। गीडा द्वारा प्लास्टिक पार्क में तीन दर्जन से अधिक उद्यमियों को भूखंड आवंटन की कार्रवाई की जा चुकी है। इसके अलावा सरकार 5500 एकड़ में धुरियापार में औद्योगिक टाउनशिप बनाने जा रही है। हाल में ही नई सीमेंट फैक्ट्री के लिए प्रस्ताव मिला है। 

जीबीसी में उतरे 14 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव
फरवरी माह में हुए ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीसी-4.0) में गोरखपुर करीब 14 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारा जा चुका है। इसके जरिये करीब 50 हजार लोगों को नौकरी व रोजगार की गारंटी भी सुनिश्चित हुई है। अकेले गीडा में 153 निवेश प्रस्ताव धरातल पर उतारे गए हैं। इन प्रस्तावों से 8751 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है।
 
सात साल में तैयार हुआ विकास व निवेश का शानदार इको सिस्टम
गोरखपुर में विकास व निवेश की संभावनाएं हमेशा रही हैं। कारण, यह समूचे पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिमी बिहार और नेपाल की तराई तक की आबादी के शिक्षा, चिकित्सा, कारोबार और शहरी आवासन के लिए केंद्रीय भूमिका में है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस भूमिका से पहले से वाकिफ हैं। लिहाजा उन्होंने यहां इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और हर तरह की कनेक्टिविटी के साथ शिक्षा, चिकित्सा, शहरीकरण के क्षेत्र में कई प्रोजेक्ट को ऊंचाई दी। निवेश का इको सिस्टम बनाने में इन तथ्यों ने खासकर रोड, रेल और एयर कनेक्टिविटी ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
 

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