रेलवे ने झांसी-कानपुर रेलवे ट्रैक पर पशुओं के आने से होने वाले हादसों को रोकने के लिए एक अरब 89 करोड़ रुपये की लागत से फेंसिंग का काम शुरू किया है। यह कदम रेलवे सुरक्षा और ट्रेन की गति को बढ़ावा देगा।
झांसी-कानपुर रेलवे ट्रैक पर सुरक्षा बढ़ी : पशुओं के आने से रोकने के लिए फेंसिंग का काम शुरू
Oct 12, 2024 07:38
Oct 12, 2024 07:38
क्यों जरूरी है यह कदम?
पशुओं के रेलवे ट्रैक पर आने से न केवल पशुओं की जान जाती है बल्कि ट्रेनें भी क्षतिग्रस्त होती हैं, जिससे यात्रियों की सुरक्षा को खतरा होता है। साथ ही, इन हादसों के कारण ट्रेनों की गति भी प्रभावित होती है।
कितनी लगेगी लागत?
इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए रेलवे प्रशासन एक अरब 89 करोड़ रुपये खर्च करने जा रहा है। इस फंडिंग से झांसी से परौना के बीच और परौना से कानपुर के बीच फेंसिंग का काम पूरा किया जाएगा।
क्या है फेंसिंग की खासियत?
इस फेंसिंग की ऊंचाई इतनी रखी गई है कि कोई भी जानवर कूदकर ट्रैक पर न आ सके। साथ ही, यह वाहनों के अनियंत्रित होकर ट्रैक पर पहुंचने के मामलों में भी कमी लाएगी।
कब तक पूरा होगा काम?
रेलवे का लक्ष्य अगले साल तक यह काम पूरा करने का है।
आंकड़े बताते हैं
पिछले छह महीनों में इस रेलवे ट्रैक पर 1130 से अधिक बार पशुओं के ट्रेन से टकराने के मामले सामने आए हैं। यह आंकड़ा इस बात की ओर इशारा करता है कि यह परियोजना कितनी जरूरी है।
रेलवे अधिकारी का कहना
रेलवे के पीआरओ मनोज कुमार सिंह का कहना है कि यह फेंसिंग रेलवे सुरक्षा को मजबूत करने और ट्रेनों की गति को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
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