इस पर डीएम को चिंता हुई और कहा कि कितना किराया लगता है और बिना कुछ खाए निकले होंगे आप। इस पर उस व्यक्ति ने कहा कि नहीं साहब परांठे बांध कर लाए हैं। शाम तक घर पहुंचेंगे।
औरैया के जिलाधिकारी का अनोखा किस्सा : डीएम बोले-पराठा खिलाओगे तभी तुम्हारा काम करूंगा, फरियादी की आंखों में आ गए आंसू, लोग रह गए अचंभित
Sep 10, 2024 23:48
Sep 10, 2024 23:48
इस पर डीएम को चिंता हुई और कहा कि कितना किराया लगता है और बिना कुछ खाए निकले होंगे आप। इस पर उस व्यक्ति ने कहा कि नहीं साहब परांठे बांध कर लाए हैं। शाम तक घर पहुंचेंगे। इस पर भावुक हुए डीएम ने फरियादी से कहा कि क्या मुझे पराठा खिलाओगे, डीएम की यह बात सुनकर फरियादी दंग रह गया। बोला, साहब हम गरीब का पराठा आप कैसे खाओगे। इस पर डीएम ने कहा कि पराठा नहीं खिलाओगे तो काम नहीं करूंगा। डीएम डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी को यह कहते देख समस्या लेकर पहुंचे व्यक्ति ने अपने पास रखा पराठा निकाल कर उनके सामने कर दिया। जिलाधिकारी ने उस व्यक्ति के हाथों से पराठे का एक निवाला लेकर अपने मुंह में रख लिया। यह देख उस व्यक्ति की आंखें खुशी से छलक आयीं। बाद में उसकी समस्या का समाधान हो गया। जिलाधिकारी का फरियादियों के साथ यह अपनापन सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
एडीएम दंगा' के रूप में पहचान
मुजफ्फरनगर दंगों के दौरान डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने संवेदनशीलता और समर्पण के साथ काम किया, जिससे उन्हें 'एडीएम दंगा' के नाम से पहचाना गया। उनके द्वारा पीड़ितों को सरकारी सहायता दिलाने में व्यक्तिगत रूप से मदद की गई थी, जिससे उनकी कार्यशैली को सराहा गया।
कोरोना प्रबंधन में योगदान
कोरोना महामारी के दौरान डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने लखनऊ में नगर आयुक्त के रूप में कई महत्वपूर्ण कार्य किए। उन्होंने अपनी तनख्वाह से 1.5 लाख रुपये जमा कर समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को निभाया। उनके प्रयासों से लखनऊ नगर निगम (Lucknow Nagar Nigam) देश का पहला शहर बना, जहां सड़कों पर घूमने वाले पशुओं के लिए रोजाना 20,000 से अधिक रोटियां और खाना तैयार किया जाता था।
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