बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व दशहरा पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है।कई मुस्लिम परिवार भी त्योहार की इस खुशी में अपना योगदान देते हैं। कानपुर में भी एक ऐसा ही परिवार है जो 87 साल से रावण के पुतले को तैयार करता चला आ रहा है।उनकी कुशल कारीगरी कई वर्षों से लोगों का ध्यान खींचती आई है।
दशहरा पर्व: परेड का दशहरा मेला इस बार होगा बेहद खास,रावण का पुतले करेगा यह काम......
Oct 09, 2024 06:55
Oct 09, 2024 06:55
Kanpur News: बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व दशहरा पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है।कई मुस्लिम परिवार भी त्योहार की इस खुशी में अपना योगदान देते हैं। कानपुर में भी एक ऐसा ही परिवार है जो 87 साल से रावण के पुतले को तैयार करता चला आ रहा है।उनकी कुशल कारीगरी कई वर्षों से लोगों का ध्यान खींचती आई है। इस बार भी कानपुर के परेड मैदान में श्री रामलीला सोसाइटी द्वारा आयोजित होने वाले दशहरे के पर्व पर वे 80 फीट का रावण का पुतला बनाकर पर्व को खास बनाने की तैयारी में हैं।यह पुतला कई मायने में खास है।
4 पीढ़ियों से बना रहे है रावण का पुतला
बता दें कि कानपुर के छावनी में रहने वाले हुनरमंद कारीगर मोहम्मद सलीम और उनका परिवार हर साल दशहरा पर आकर्षक, अद्भुत और विशालकाय रावण का पुतला बनाता है।पिछले कई सालों से वह यह काम कर रहे हैं।4 पीढ़ियों से उनका परिवार सांप्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा देने का काम कर रहा है। उनके व उनके परिवार के द्वारा तैयार किया गया रावण का पुतला हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक माना जाता है।
यूपी टाइम्स से कारीगर ने की बातचीत
उत्तरप्रदेश टाइम्स से खास बातचीत के दौरान कानपुर के दौरान मोहम्मद सलीम के बेटे फरमान ने बताया कि 25 सालों से हम लोग रावण का पुतले को तैयार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि, वह हर साल रावण का पुतला बनाते समय उसमें कई ऐसी आकर्षक कला का उपयोग करते हैं। जोकि बाकी लोगों के पुतलों की अपेक्षा देखने में बेहद ही रोचक और अलग लगता है। उनका दावा है कि इस बार परेड रामलीला में जो भी लोग रामलीला देखने आने वाले हैं उन्हें यहां का रावण बेहद ही अलग दिखने वाला है।इस बार उनके द्वारा तैयार किए गए रावण के पुतले की आंखों से आग के अंगारे निकलेंगे मुंह से फूल और आंख भी चलाएगा।इसके अलावा हाथ और पैर से वह युद्ध करता हुआ भी लोगों को नजर आएगा। उनका दावा है कि इस बार परेड स्थित रामलीला में पूरे शहर का सबसे ऊंचा यानी 90 फीट का रावण लोगों को देखने को मिलेगा।साथ ही मेघनाथ का और कुंभकर्ण का भी 70 से 80 फिट का पुतला बनेगा।
बारिश में भी नही बेकार होगा पुतला
मोहम्मद फरमान ने बताया कि इन पुतलों को तैयार करने में उन्हें करीब 4 महीने से ज्यादा का समय लगा है।वही उन्होंने बताया कि बारिश को लेकर बीते वर्ष काफी नुकसान हुआ था जिससे दशहरे का पर्व फीका पड़ गया था।बारिश से दशहरे का पर्व फीका न पड़े इसलिए इस बार बारिश को देखते हुए उनके द्वारा वाटर प्रूफ कागज से सभी पुतलों को तैयार किया गया है। उनका कहना है कि जब उनके द्वारा तैयार किया गया पुतला दशहरे के दिन जलता है और बच्चे और बड़े सभी उसे देखकर खुश होते हैं तो उन्हें भी बेहद खुशी मिलती है।
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