दिल्ली और अन्य राज्यों में बढ़ते प्रदूषण के कारण आम जनजीवन पर गंभीर असर पड़ रहा है। प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए अब आईआईटी कानपुर ने कृत्रिम बारिश कराने का एक प्लान तैयार किया है।
दिल्ली को प्रदूषण से बचाएगा IIT Kanpur : कृत्रिम बारिश करने का प्लान तैयार, राहत की उम्मीद
Nov 21, 2024 14:46
Nov 21, 2024 14:46
- प्रदूषण पर पूरी तरीके से लगेगा अंकुश
- गृह मंत्रालय से अनुमति का इंतजार
- कानपुर आईआईटी की टीम तैयार
कृत्रिम बारिश की प्रक्रिया
आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों के अनुसार, कृत्रिम बारिश के लिए ड्रोन सिस्टम का उपयोग नहीं किया जाता है। इसके बजाय, अमेरिका से मंगाए गए सेना के विमानों का सहारा लिया जाता है, जो बादलों में आवश्यक रसायनों का छिड़काव कर बारिश उत्पन्न करते हैं। यह प्रक्रिया बादलों में नमी और घनत्व के आधार पर निर्धारित होती है। यदि बादल घने होते हैं और उनमें पर्याप्त नमी मौजूद होती है, तो बारिश की संभावना अधिक होती है।
कृत्रिम बारिश पर खर्च
कृत्रिम बारिश कराने के लिए एक बार में लगभग 100 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में करीब एक करोड़ रुपये का खर्च आता है। इसके अलावा, बारिश कराने के लिए बादलों की मौजूदगी भी जरूरी होती है। घने और नमी से भरे बादल अधिक प्रभावी होते हैं, जिससे बारिश की संभावना बढ़ जाती है। इस प्रक्रिया के बाद, प्रदूषण से राहत मिलने की संभावना होती है, और यह राहत 10 से 15 दिनों तक बनी रहती है।
आईआईटी कानपुर की तत्परता
आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने बताया कि उनकी टीम कृत्रिम वर्षा के लिए हमेशा तैयार रहती है। हालांकि, इसके लिए संबंधित राज्य सरकारों से आधिकारिक पत्र आना आवश्यक है। अगर दिल्ली सरकार इस दिशा में कदम उठाती है, तो आईआईटी कानपुर की टीम तुरंत कृत्रिम बारिश कराने के लिए अपनी सेवाएं प्रदान करेगी, जिससे प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद मिल सकेगी।
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