आयोजक मनोज सिंह चंदेल ने कहा 100 साल पहले 1924 में लखनऊ में राम प्रसाद बिस्मिल, चंद्रशेखर आजाद, अशफाक उल्ला खान, रोशन सिंह और राजेंद्र लहरी जैसे क्रांतिकारियों ने खजाना लूटने की घटना को अंजाम दिया था, जिसने अंग्रेजी हुकूमत की बुनियाद हिलाकर रख दी थी।
Lucknow News : बलरामपुर गार्डन में 21वें राष्ट्रीय पुस्तक मेले का आयोजन, काकोरी घटनाक्रम पर आधारित होगी थीम
Sep 24, 2024 19:12
Sep 24, 2024 19:12
काकोरी घटनाक्रम की थीम
पुस्तक मेले के आयोजक मनोज सिंह चंदेल ने मंगलवार को जानकारी दी कि इस बार का मेला काकोरी घटनाक्रम के थीम पर आधारित होगा। उन्होंने कहा, 100 साल पहले 1924 में लखनऊ में राम प्रसाद बिस्मिल, चंद्रशेखर आजाद, अशफाक उल्ला खान, रोशन सिंह और राजेंद्र लहरी जैसे क्रांतिकारियों ने खजाना लूटने की घटना को अंजाम दिया था, जिसने अंग्रेजी हुकूमत की बुनियाद हिलाकर रख दी थी। हम इस महान घटना को स्मरण करने के लिए सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आयोजन करेंगे।
पुस्तक मेले का उद्घाटन
इस पुस्तक मेले का उद्घाटन 27 सितंबर को शाम को उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक करेंगे। मेले में अनेक साहित्यकार, लेखक, और प्रकाशक अपनी किताबों के साथ उपस्थित होंगे, जिससे पाठकों को नई साहित्यिक सामग्री उपलब्ध होगी।
किताबों पर विशेष छूट
पुस्तक मेला के संयोजक मनोज सिंह चंदेल ने यह भी बताया कि इस बार विद्यालयों की लाइब्रेरी के लिए विशेष छूट दी जाएगी। विभिन्न स्कूल अपनी लाइब्रेरी के लिए पुस्तकें खरीद सकते हैं, और ये किताबें प्रकाशन द्वारा विद्यालयों में पहुंचाई जाएंगी। विद्यालयों को किताबों का भुगतान बाद में करने की सुविधा भी दी जाएगी। इसके अलावा, शहर की सरकारी लाइब्रेरी और स्थानीय लाइब्रेरी के लिए भी इसी तरह की छूट लागू रहेगी।
मेले में होंगे सांस्कृतिक कार्यक्रम
इस पुस्तक मेले में न केवल किताबों की प्रदर्शनी होगी, बल्कि विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा। स्थानीय कलाकार और स्कूल के छात्र अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से आजादी के संग्राम और क्रांतिकारियों के योगदान को रेखांकित करेंगे।
देश के शीर्ष 10 पुस्तक मेलों में स्थान
लखनऊ का 21वां राष्ट्रीय पुस्तक मेला न केवल पुस्तक प्रेमियों के लिए बल्कि शोधकर्ताओं और छात्रों के लिए भी एक महत्वपूर्ण आयोजन है। यह मेला देश के शीर्ष 10 पुस्तक मेलों में अपनी जगह बना चुका है, और यहां आने वाले दर्शक न केवल ज्ञानवर्धन करेंगे, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम की गाथाओं से भी प्रेरित होंगे।यह पुस्तक मेला न केवल साहित्यिक सामग्री का भंडार है, बल्कि यह एक ऐसा मंच है जहां भारतीय संस्कृति, इतिहास और साहित्य को नई पहचान मिलेगी। सभी पुस्तक प्रेमियों को इस अनूठे अवसर का लाभ उठाने की अपील की गई है।
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