भारत सरकार की गाइडलाइन में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि उपभोक्ताओं की विश्वसनीयता के लिए उपभोक्ताओं के परिसर पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाते वक्त 5 प्रतिशत चेक मीटर लगाया जाना जरूरी है। उपभोक्ता के परिसर पर जो पुराना मीटर लगा है, उसे ही चेक मीटर के रूप में उपयोग में लाने का निर्देश भारत सरकार ने सितंबर 2023 में ही दिया था।
UPPCL : कंपनियां गाइडलाइन के मुताबिक नि:शुल्क लगाएंगी चेक मीटर, उपभोक्ता कर सकेंगे रीडिंग का मिलान
Oct 04, 2024 18:36
Oct 04, 2024 18:36
चेक मीटर को लेकर नियमों का नहीं किया जा रहा था पालन
उपभोक्ता परिषद ने बीती 30 सितंबर को बड़ा खुलासा करते हुए सभी बिजली कंपनियों में भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय की गाइडलाइन का पालन नहीं करने के आरोप लगाए गए थे। उपभोक्ता परिषद ने कहा कि उपभोक्ता के परिसर पर लगे साधारण मीटर को 5 प्रतिशत की सीमा तक अनिवार्य रूप से चेक मीटर में नहीं परिवर्तित किया गया है।
नि:शुल्क लगाए जाएंगे चेक मीटर
भारत सरकार की गाइडलाइन में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि उपभोक्ताओं की विश्वसनीयता के लिए उपभोक्ताओं के परिसर पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाते वक्त 5 प्रतिशत चेक मीटर लगाया जाना जरूरी है। उपभोक्ता के परिसर पर जो पुराना मीटर लगा है, उसे ही चेक मीटर के रूप में उपयोग में लाने का निर्देश भारत सरकार ने सितंबर 2023 में ही दिया था। लेकिन, बिजली कंपनियों को इस आदेश को पालन करने का ध्यान ही नहीं रहा। उपभोक्ता परिषद के खुलासा करने के बाद अधिकारी नींद से जागे। इसके बाद अब बिजली कंपनियों ने ऑर्डर हासिल करनी वाली सभी स्मार्ट प्रीपेड मीटर निर्माता कंपनियों के लिए निर्देश जारी कर दिया है कि वह चेक मीटर लगाए और वह भी फ्री ऑफ कॉस्ट। यानी इसके लिए उपभोक्ता से किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जा सकता है।
सभी बिजली कंपनियों ने निर्देश किए जारी
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने शुक्रवार को एक बार फिर इस गंभीर मुद्दे पर यूपी पावर कारपोरेशन लिमिटेड (UPPCL)के निदेशक कमर्शियल निधि नारंग, मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (MVVNL), पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (PVVNL), पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (PVVNL) के निदेशक कमर्शियल व निदेशक तकनीकी से अलग-अलग बात कर इसकी सतत मॉनिटरिंग करने के लिए भी अनुरोध किया है। साथ ही कहा कि महज निर्देश जारी होने से नहीं बल्कि इसकी मॉनीटरिंग करने से ही मीटर निर्माता कंपनियां सही तरीके से काम करेंगी।
भारत सरकार की गाइडलाइन में इन बिंदुओं का ध्यान रखना जरूरी
इस तरह अब स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपभोक्ता के परिसर पर लगाते वक्त 5 प्रतिशत की सीमा तक उनके परिसर पर लगे पुराने साधारण मीटर को चेक मीटर के रूप में लगा रहने दिया जाएगा। यानी की 100 मीटर में 5 प्रतिशत चेक मीटर लगेगा। हर 20 मीटर के बाद एक चेक मीटर लगेगा, जिससे उपभोक्ता अपने पुराने मीटर जिसे चेक मीटर घोषित किया गया है, उससे स्मार्ट प्रीपेड मीटर की रीडिंग का मिलान कर सकेगा। इससे उसे पता चल सकेगा कि उसका मीटर तेज तो नहीं चल रहा है। उसकी बिलिंग ज्यादा तो नहीं आ रही है। इसके साथ ही बिजली कंपनियों को इसकी सूचना हर महीने भारत सरकार को भेजनी होगी, जिसका प्रोफार्मा भी बिजली कंपनियों की तरफ से अधिशासी अभियंता परीक्षण व टेस्ट को भेजा गया है।
गड़बड़ी मिलने पर उपभोक्ताओं से शिकायत दर्ज कराने की अपील
उपभोक्ता परिषद ने सभी विद्युत उपभोक्ताओं से अपील की है कि उनके परिसर पर जहां भी पुराने मीटर को चेक मीटर घोषित किया जाए, उसकी रीडिंग और स्मार्ट प्रीपेड मीटर में आने वाली रीडिंग का कर मिलान जरूर कर लें। अगर उसमें कोई डिफरेंस हो, तो तत्काल मामले में शिकायत करें। उपभोक्ता परिषद को भी इस बारे में बताने को कहा गया है।
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