योजना मुख्य रूप से बीपीएल सूची में शामिल परिवारों के साथ-साथ मनरेगा के श्रमिकों, बेरोजगारों को लक्षित करती है। इस योजना का उद्देश्य गरीब ग्रामीण युवाओं को नि:शुल्क कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ना है।
DDU-GKY: यूपी में 2.35 लाख से ज्यादा युवा प्रशिक्षित, 1.25 लाख को मिला रोजगार
Jun 20, 2024 18:55
Jun 20, 2024 18:55
- ग्रामीण युवाओं का भविष्य सुधारने का बनी जरिया
- बीपीएल परिवार, महिला, मनरेगा श्रमिक, बेरोजगार और स्कूल ड्रॉपआउट पर है फोकस
रोजगारपरक कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर रही सरकार
उत्तर प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) "कपिल देव अग्रवाल"ने बताया कि इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन ग्रामीण युवाओं की क्षमता को पहचानकर उन्हें उनकी रुचि के अनुसार रोजगारपरक कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। युवाओं को आधुनिक कक्षाओं और लैब में प्रशिक्षण के साथ-साथ नि:शुल्क आवास, भोजन, प्रशिक्षण सामग्री, यूनिफॉर्म आदि की सुविधा भी दी जा रही है। विभिन्न विषयों जैसे अपैरल, ऑटोमोटिव, ब्यूटी एंड वेलनेस, कैपिटल गुड्स, कंस्ट्रक्शन, डॉमेस्टिक वर्क्स, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड हार्डवेयर, फूड प्रॉसेसिंग, ग्रीन जॉब्स, लेदर, आईटी-आईटीईएस, लॉजिस्टिक्स, पावर, रिटेल, मीडिया एंड एंटरटेनमेंट, टेलीकॉम, टेक्सटाइल, टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी आदि के साथ-साथ सॉफ्ट स्किल्स भी सिखाई जा रही हैं।
युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य
इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें अपने हुनर से स्वावलंबी बनाकर विकास के नए कीर्तिमान स्थापित करने में सक्षम बनाना है। दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के माध्यम से उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को कौशल विकास से जोड़कर उनके भविष्य को उज्ज्वल बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा रहा है। इस योजना के माध्यम से कौशल संपन्न युवा बेहतर कल का निर्माण कर रहे हैं, जिससे विकसित गांव और विकसित प्रदेश का सपना साकार हो रहा है।
ग्रामीण युवाओं को प्राप्त हो रहा योजन का लाभ
दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना से 2.35 लाख से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित और 1.25 लाख लोगों को रोजगार प्राप्त हो रहा हैं, उत्तर प्रदेश में ग्रामीण युवाओं का भविष्य सुधारने के लिए दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना का सफलतापूर्वक संचालन किया जा रहा है। योगी सरकार इस योजना के तहत ग्रामीण युवाओं की क्षमता को पहचानकर, उन्हें उनकी रुचि के आधार पर रोजगारपरक कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर रही है। योजना मुख्य रूप से बीपीएल सूची में शामिल परिवारों के 15-35 आयुवर्ग के सदस्यों, 15-45 वर्ष की महिलाओं, मनरेगा श्रमिकों, बेरोजगारों, अल्प शिक्षित या स्कूल ड्रॉपआउट को लक्षित कर रही है। दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के माध्यम से उत्तर प्रदेश के ग्रामीण युवाओं को उनके भविष्य को संवारने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं।
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