लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में अब बच्चों के लिए इंडोस्कोपी की सुविधा उपलब्ध होगी। संस्थान में 20 लाख रुपये की लागत से अत्याधुनिक कैप्सूल एंडोस्कोपी सिस्टम लगाया जाएगा। शासन की मंजूरी के बाद खरीद प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
लोहिया संस्थान में बच्चों के लिए कैप्सूल एंडोस्कोपी जल्द : आंत से जुड़ी बीमारियों का बेहतर इलाज
Oct 24, 2024 14:49
Oct 24, 2024 14:49
मशीन-उपकरणों लिए 250 करोड़
संस्थान के प्रवक्ता प्रो. भुवन चंद्र तिवारी ने बताया कि राज्य सरकार ने संस्थान को बजट में मशीन व उपकरणों की खरीद के लिए 250 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इसी बजट से पीडियाट्रिक हेपाटोलॉजी विभाग में कैप्सूल एंडोस्कोपी सिस्टम और वर्कस्टेशन की खरीद की जा रही है। इस उपकरण की मदद से अब यहां बच्चों की छोटी आंत की जांच आसानी से की जा सकेगी।
कैसे काम करती है कैप्सूल एंडोस्कोपी
इस प्रक्रिया के तहत मरीज को एक छोटे कैमरे वाला कैप्सूल निगलने के लिए दिया जाता है, जो शरीर के अंदर से आंत की तस्वीरें मॉनीटर पर भेजता है। इससे डॉक्टर आंत के अंदरूनी हिस्से की बेहतर जांच कर सकते हैं। यह विशेष रूप से छोटी आंत की जांच में कारगर साबित होती है, जो अन्य पारंपरिक तकनीकों से मुश्किल होती है।
पेट के रक्तस्राव में भी मिलेगी राहत
इसके साथ ही संस्थान में 35 लाख रुपये की लागत से आर्गन प्लाज्मा कोगलेशन (ऐपीसी) तकनीक भी जल्द उपलब्ध होगी। इस उपकरण की मदद से पेट में होने वाले रक्तस्राव को प्रभावी ढंग से रोका जा सकेगा।प्रवक्ता ने कहा इस नई तकनीक के आने से डॉ. राम मनोहर लोहिया संस्थान में बच्चों और बड़ों दोनों के लिए बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी, जिससे गंभीर बीमारियों के इलाज में मदद मिलेगी।
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