जिलाधिकारी के निर्देशन में तहसील बिलग्राम अन्तर्गत गंगा नदी के राजघाट पर बाढ़ से बचाव एवं राहत कार्य की मेगा मॉक एक्सरसाइज आयोजित की गई। इस अभ्यास में विभिन्न विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों ने भाग लिया।
हरदोई में बाढ़ प्रबंधन की मेगा मॉक ड्रिल : गंगा नदी में डूब रहे व्यक्ति को बचाने का किया पूर्वाभ्यास
Jul 26, 2024 15:12
Jul 26, 2024 15:12
- बाढ़ की स्थिति के दौरान नियंत्रण को लेकर जनपद के कई विभागों की मौजूदगी में हुआ कार्यक्रम
- पौराणिक राजघाट गंगा नदी के तट पर हुआ एक्सरसाइज कार्यक्रम
बिलग्राम तहसील के अंतर्गत गंगा नदी के राजघाट पर आयोजित इस मेगा मॉक एक्सरसाइज का मुख्य उद्देश्य बाढ़ से बचाव और राहत कार्यों की तैयारियों को परखना था। जिलाधिकारी के मार्गदर्शन में संचालित इस अभ्यास में विभिन्न विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों ने भाग लिया, जिसमें राजस्व, पुलिस, चिकित्सा, पशु चिकित्सा, अग्निशमन, आपूर्ति, पशुपालन, सिंचाई, पंचायती राज विभाग और आपदा विशेषज्ञ शामिल थे।
गंगा नदी में एक व्यक्ति के डूबने पर त्वरित कार्रवाई
अभ्यास का केंद्र बिंदु ग्राम कटरी छिबरामऊ राजघाट था, जहां एक स्टेजिंग एरिया बनाया गया था। यहां से तीन अलग-अलग परिदृश्यों पर आधारित बचाव अभियानों का संचालन किया गया। पहले परिदृश्य में, गंगा नदी में एक व्यक्ति के डूबने की सूचना पर त्वरित कार्रवाई की गई। जिला आपातकालीन संचालन केंद्र (डिस्ट्रिक्ट ईओसी) के माध्यम से घटना स्थल पर पहुंची आईआरएस (इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम) टीम ने एनडीआरएफ और पीएसी फ्लड डिवीजन के जवानों के साथ मिलकर डूब रहे व्यक्ति को सफलतापूर्वक बचाया। मौके पर मौजूद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने प्राथमिक उपचार के बाद व्यक्ति को तुरंत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, बिलग्राम भेजा, जहां उसका विस्तृत उपचार किया गया।
टापू में फंस जाने पर सुरक्षित बाहर निकाला
दूसरे परिदृश्य में, गंगा नदी के किनारे छिबरामऊ गांव के दूसरी ओर कुछ लोगों के एक टापू में फंस जाने की सूचना मिली। इस बार भी एनडीआरएफ की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए फंसे हुए लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। इस दौरान, घटना कमांडर ने प्रशासनिक टीम के साथ स्वयं गांव जाकर स्थिति का जायजा लिया।
तेज बहाव में फंसे व्यक्तियों को सुरक्षित बचाया
तीसरे और अंतिम परिदृश्य में, कटरी छिबरामऊ के पास गंगा नदी में एक नाव पर सवार कुछ लोगों के अचानक तेज बहाव में फंस जाने की स्थिति का अनुकरण किया गया। इस बार एनडीआरएफ और पीएसी फ्लड डिवीजन के जवानों ने लाइफबॉय और गहरे पानी में तैरने वाले विशेषज्ञों (डीप स्विमर) की मदद से चारों व्यक्तियों को सुरक्षित बचाया। बचाए गए लोगों को तत्काल मेडिकल टीम द्वारा प्राथमिक उपचार दिया गया और फिर उन्हें आगे के इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, बिलग्राम भेजा गया।
मॉक एक्सरसाइज का उद्देश्य समन्वय स्थापित करना
इस महत्वपूर्ण अभ्यास का नेतृत्व अपर जिला अधिकारी प्रियंका सिंह ने किया। उन्होंने बताया कि इस मॉक एक्सरसाइज का मुख्य उद्देश्य आपदा से जुड़े सभी विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना, आपातकालीन स्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया देने की क्षमता को बढ़ाना, और बाढ़ जैसी आपदाओं के दौरान प्रभावी राहत एवं बचाव कार्य संचालित करने का प्रशिक्षण देना था।
बाढ़ से निपटने के लिए आईआरएस टीम तैयार
प्रियंका सिंह ने यह भी बताया कि जनपद में बाढ़ से निपटने के लिए पूरी आईआरएस टीम तैयार है और जिला प्रशासन ने बाढ़ से बचाव एवं राहत कार्य के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली हैं। उन्होंने कहा कि यह अभ्यास न केवल विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय को मजबूत करने में मददगार साबित हुआ, बल्कि इसने स्थानीय प्रशासन और बचाव दलों की तत्परता और क्षमताओं को भी प्रदर्शित किया।
वरिष्ठ अधिकारी और विशेषज्ञ शामिल हुए
इस महत्वपूर्ण मॉक ड्रिल में कई वरिष्ठ अधिकारी और विशेषज्ञ शामिल हुए, जिनमें उपजिलाधिकारी बिलग्राम, क्षेत्राधिकारी बिलग्राम सुशील कुमार शर्मा, अधिशासी अभियंता खंड शारदा नहर बाढ़ एम.के. गुप्ता, आपदा विशेषज्ञ ज्ञानदीप शर्मा, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ), मुख्य अग्निशमन अधिकारी, तहसीलदार सदर, एनडीआरएफ और पीएसी फ्लड डिवीजन के प्रतिनिधि, आपदा लिपिक राजेश कुमार और एसीआरए प्रवीण पांडेय प्रमुख थे।
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