हरदोई में रेलवे की लापरवाही पर सांसद नाराज : जांच के आदेश, मंडल रेल प्रबंधक को 7 दिन में जांच रिपोर्ट देने को कहा

जांच के आदेश, मंडल रेल प्रबंधक को 7 दिन में जांच रिपोर्ट देने को कहा
UPT | सांसद जयप्रकाश रावत व रेल लाइन की मरम्मत करते कर्मचारी।

Sep 16, 2024 20:24

हरदोई के सांसद ने रेल विभाग की लापरवाहियों पर मंडल रेल प्रबंधक को मामले की जांच कर 7 दिन के अंदर आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। उत्तर प्रदेश टाइम्स ने फ्रैक्चर रेल ट्रैक से दो ट्रेनों को निकाले जाने की खबर को प्रमुखता से चलाया था जिसका संज्ञान अब सांसद ने लिया है।

Sep 16, 2024 20:24

Short Highlights

 

 

Hardoi News : उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के सांसद जयप्रकाश रावत ने रेलवे की गंभीर लापरवाही पर नाराज़गी जाहिर की है। उन्होंने मुरादाबाद मंडल के रेल प्रबंधक को पत्र लिखकर 7 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। यह कदम तब उठाया गया जब 14 सितंबर 2024 को हरदोई रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 4 के पास एक रेल ट्रैक में फ्रैक्चर की सूचना मिली थी। उत्तर प्रदेश टाइम्स ने इस मामले को प्रमुखता से उठाया, जिसके बाद सांसद ने तुरंत एक्शन लिया।

फ्रैक्चर ट्रैक से गुजरीं दो ट्रेनें, यात्रियों की जान खतरे में
घटना के मुताबिक, सूचना मिलने के बाद रेलवे अधिकारियों ने बिना देरी किए फ्रैक्चर ट्रैक से दो ट्रेनों को गुजार दिया। इस गंभीर लापरवाही से एक बड़ी दुर्घटना हो सकती थी और यात्रियों की जान जोखिम में थी। हालांकि, स्थानीय रेल अधिकारियों ने यह दावा किया कि ट्रैक की मरम्मत के बाद ही ट्रेनों का संचालन शुरू किया गया, लेकिन यह बयान हरदोई के अधिकारियों को बचाने के प्रयास में दिया गया लग रहा है। 

सांसद ने मंडल रेल प्रबंधक मुरादाबाद को लिखा पत्र
सांसद जयप्रकाश रावत ने मुरादाबाद मंडल के रेल प्रबंधक राजकुमार सिंह को पत्र भेजा, जिसमें उन्होंने इस घटना को अत्यधिक गंभीर बताया। उन्होंने कहा कि रेल अधिकारियों की लापरवाही के कारण एक बड़ी अप्रिय घटना हो सकती थी। पत्र में सांसद ने यह भी उल्लेख किया कि जिसअधिकारी ने ट्रैक में फ्रैक्चर की जानकारी दी, उसे तत्काल ट्रैफिक रोकना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया, जिससे यात्रियों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई। 

स्वत: संज्ञान लेकर जांच का आदेश
सांसद जयप्रकाश रावत ने इस मामले को प्राथमिकता से लेते हुए जांच का आदेश दिया और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने कहा कि जनता की सुरक्षा सर्वोपरि है, और किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगर रेल ट्रैक पर फ्रैक्चर होने के बावजूद ट्रेनों को चलाया गया है, तो दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। 

सांसद ने स्पष्ट किया कि इस तरह की लापरवाही से भविष्य में किसी भी तरह की दुर्घटना को रोका जाना जरूरी है, और उन्होंने रेलवे प्रशासन से इस मामले को गंभीरता से लेने की अपील की है। 

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