लखनऊ-अयोध्या हाईवे पर टोल प्लाजा को हटाने और एक नई, सटीक टोल प्रणाली लागू करने की योजना बनाई जा रही है।
लखनऊ-अयोध्या हाईवे पर टोल प्लाजा हटाने की तैयारी : नई जीपीएस आधारित टोल प्रणाली लागू होगी, ऐसे कटेंगे पैसे
Nov 04, 2024 16:14
Nov 04, 2024 16:14
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ट्रायल के रूप किया जाएगा लागू
इस योजना के तहत सबसे पहले लखनऊ-अयोध्या हाईवे पर ट्रायल के रूप में इसे लागू किया जाएगा। हाईवे पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्नाइजेशन (ANPR) कैमरे लगाए जाएंगे जो सैटेलाइट से कनेक्ट होंगे। यह प्रणाली आपकी यात्रा की सटीक दूरी मापेगी और उसी आधार पर टोल शुल्क निर्धारित करेगी। टोल की दरें प्रति किलोमीटर के हिसाब से तय की जाएंगी, जिससे वाहनों को दूरी के आधार पर शुल्क देना होगा।
20 किलोमीटर तक निशुल्क यात्रा की सुविधा
नई टोल प्रणाली में पहले 20 किलोमीटर तक यात्रा निशुल्क होगी। उसके बाद सैटेलाइट के जरिए मापी गई दूरी के अनुसार ही वाहन चालकों से टोल वसूला जाएगा। यह प्रक्रिया पूरी तरह फास्ट टैग जैसी होगी और वाहन चालकों के बैंक खातों से जुड़ी रहेगी। जैसे ही हाईवे यात्रा पूरी होगी, बैंक खाते से धनराशि स्वतः कट जाएगी और इसका संदेश वाहन चालक को तुरंत प्राप्त हो जाएगा।
पारंपरिक टोल प्लाजा हटाने का उद्देश्य
वर्तमान में लखनऊ-अयोध्या हाईवे पर टोल प्लाजा के जरिए 60 किलोमीटर की दूरी के लिए टोल वसूला जाता है। लेकिन परिवहन विभाग की योजना है कि अगले 5 से 10 वर्षों में सभी टोल प्लाजा को हटाकर उनके स्थान पर ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) को लागू कर दिया जाए। इस नई प्रणाली से टोल राशि सीधे सरकार के राजस्व में जाएगी, जिससे पारदर्शिता बनी रहेगी।
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ऐसे कटेंगे पैसे
इसके लिए फास्ट टैग की तरह ही वाहनों में ऑन-बोर्ड यूनिट डिवाइस लगाई जाएगी जो यात्रा की दूरी को मापेगी। इस तकनीक के उपयोग से टोल वसूली स्वचालित और सटीक हो सकेगी। लखनऊ-अयोध्या हाईवे पर ट्रायल सफल रहने के बाद इसे अन्य राष्ट्रीय राजमार्गों पर भी लागू करने की योजना है। सड़क परिवहन विभाग इस परियोजना को शीघ्रता से आगे बढ़ा रहा है ताकि भविष्य में टोल प्लाजा से छुटकारा मिल सके और नए जीपीएस आधारित टोल वसूली प्रणाली के जरिए राजस्व संग्रह को बढ़ावा मिल सके।
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