शिक्षा मंत्रालय और एनसीईआरटी के सहयोग से आयोजित राष्ट्रीय सर्वेक्षण में उत्तर प्रदेश के 9674 विद्यालयों के 2,53,849 छात्रों ने भाग लिया। इन छात्रों ने कक्षा 3, 6 और 9 के विभिन्न स्तरों पर अपनी क्षमताओं का शानदार प्रदर्शन किया।
SCERT UP : डिजिटल लिट्रेसी-कोडिंग पाठ्यक्रम से मॉडर्न एजुकेशन की ओर बढ़ते कदम, होलिस्टिक रिपोर्ट कार्ड का विकास
Jan 01, 2025 10:32
Jan 01, 2025 10:32
होलिस्टिक प्रोग्रेस रिपोर्ट कार्ड का विकास
कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों के 360 डिग्री आकलन के लिए एससीईआरटी ने होलिस्टिक प्रोग्रेस रिपोर्ट कार्ड विकसित किया। इस पहल का उद्देश्य छात्रों के शैक्षणिक, सामाजिक और व्यक्तिगत विकास को समग्रता से समझना है। शिक्षकों और संदर्भदाताओं को इस प्रणाली के प्रभावी उपयोग के लिए प्रशिक्षित किया गया।
राष्ट्रीय सर्वेक्षण में उल्लेखनीय प्रदर्शन
शिक्षा मंत्रालय और एनसीईआरटी के सहयोग से आयोजित राष्ट्रीय सर्वेक्षण में उत्तर प्रदेश के 9674 विद्यालयों के 2,53,849 छात्रों ने भाग लिया। इन छात्रों ने कक्षा 3, 6 और 9 के विभिन्न स्तरों पर अपनी क्षमताओं का शानदार प्रदर्शन किया। यह उपलब्धि राज्य की शिक्षा प्रणाली में सुधार के स्पष्ट संकेत हैं।
डिजिटल शिक्षा में कदमताल
डिजिटल युग की मांग को देखते हुए कक्षा 6 से 8 तक के लिए डिजिटल लिट्रेसी, कोडिंग, कम्प्यूटेशनल थिंकिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे विषयों को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया। 281 मास्टर ट्रेनर्स और 14,000 शिक्षकों को इन विषयों में प्रशिक्षित किया गया। इस कदम ने छात्रों को तकनीकी ज्ञान और कौशल से लैस किया है।
शोध संगम : शिक्षकों के लिए शोध का नया मंच
एससीईआरटी ने शिक्षकों के लिए 'शोध संगम' नामक पत्रिका शुरू की। इस पत्रिका का उद्देश्य शिक्षकों के शोध कार्य को बढ़ावा देना और उन्हें बेहतर शैक्षणिक तकनीकों से परिचित कराना है। लगभग 300 प्रवक्ताओं को इस पहल के तहत प्रशिक्षित किया गया।
समावेशी शिक्षा को मिला बल
समावेशी शिक्षा के क्षेत्र में भारतीय संकेत भाषा और 'प्रज्ञप्ति' यूट्यूब चैनल के माध्यम से ई-कंटेंट उपलब्ध कराया गया। पीएम ई-विद्या योजना के तहत 5 डीटीएच चैनलों के माध्यम से कक्षा 1 से 12 तक के छात्रों को पाठ्यक्रम आधारित सामग्री प्रदान की जा रही है। यह पहल दूरदराज के इलाकों तक शिक्षा पहुंचाने में सहायक सिद्ध हुई है।
जीवन कौशल और गणितीय क्षमता का विकास
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा चिन्हित 10 जीवन कौशलों के प्रसार के लिए 'दर्पण' मॉड्यूल तैयार किया गया। प्रत्येक जनपद में 400 शिक्षकों को प्रशिक्षित कर छात्रों में इन कौशलों का विकास किया गया। साथ ही, गणितीय अवधारणाओं को सरल बनाने के लिए 'समझ' नामक पुस्तक विकसित की गई।
कला और प्रारंभिक शिक्षा पर जोर
कक्षा 1 के छात्रों के लिए 'किसलय' नामक कला कार्यपुस्तिका तैयार की गई। फाउंडेशनल स्टेज की सामग्री का पुनरीक्षण जारी है। यह कदम प्रारंभिक शिक्षा को मजबूत और प्रभावी बनाने के लिए उठाया गया है।
सुरक्षित विद्यालयी वातावरण के लिए 'कवच' मॉड्यूल
विद्यालयों में सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने के लिए 'कवच' नामक प्रशिक्षण मॉड्यूल शुरू किया गया। इसके तहत 28,000 शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया।
सेंटर ऑफ एक्सीलेंस और पाठ्यपुस्तकों में सुधार
एससीईआरटी ने जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित करने के लिए 2 अरब रुपये का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा है। इसके अलावा, कक्षा 1 और 2 की एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकों का कस्टमाइजेशन किया गया है, जबकि कक्षा 3 की पुस्तकों का पुनरीक्षण जारी है।
शिक्षा में सुधार की दिशा में भविष्य की योजनाएं
एससीईआरटी के संयुक्त निदेशक डॉ. पवन सचान ने कहा कि 2024-25 में 1,19,518 शिक्षकों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही, जिला स्तर पर डायट भवनों के निर्माण का कार्य तेजी से प्रगति पर है। ये प्रयास न केवल शिक्षकों और छात्रों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करेंगे, बल्कि राज्य के शिक्षा तंत्र को और अधिक सक्षम बनाएंगे।
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