लोकसभा चुनाव 2024 : उन्नाव में किसका परचम,साक्षी महाराज या अन्नू टंडन

उन्नाव में किसका परचम,साक्षी महाराज या अन्नू टंडन
UPT | साक्षी महाराज और अन्नू टंडन की फाइल फोटो

May 12, 2024 14:29

गंगा और सई नदी के बीच पड़ने वाले उन्नाव को पंडित सूर्यकांत त्रिपाठी निराला और शहीदे आजम चंद्रशेखर जैसे आजादी के दीवानों ने प्रदेश को एक अलग पहचान दिलाई है। यह लखनऊ और कानपुर के बीच में स्थित है...

May 12, 2024 14:29

Unnao News : गंगा और सई नदी के बीच पड़ने वाले उन्नाव को पंडित सूर्यकांत त्रिपाठी निराला और शहीदे आजम चंद्रशेखर जैसे आजादी के दीवानों ने प्रदेश को एक अलग पहचान दिलाई है। यह लखनऊ और कानपुर के बीच में स्थित है, उन्नाव लखनऊ से लगभग 60 किलोमीटर और कानपुर से 18 किलोमीटर दूर है। उन्नाव लोकसभा सीट पर इस बार कांग्रेस के समर्थन के साथ चुनावी मैदान में उतरी समाजवादी पार्टी उम्मीदवार अन्नू टंडन का मुकाबला भाजपा उम्मीदवार साक्षी महाराज से हो रहा है। इस बार यहां पर मुकाबला काफी रोचक होने वाला है क्योंकि साक्षी महाराज जिस तरह से जनता के बीच अपने विवादित बयान के लिए जाने जाते है तो वही दूसरी तरफ अन्नू टंडन को लोग आज भी बाहरी मानते है, हालांकि उन्नाव के धवन रोड में टंडन का मायका है।

स्वामी साक्षी महाराज का राजनीतिक करियर
स्वामी साक्षी महाराज का पूरा नाम स्वामी सच्चिदानंद हरि साक्षी है। स्वामी साक्षी महाराज ने 1991 में मथुरा से भाजपा के उम्मीदवार के रुप में संसदीय चुनाव लड़ा था और अपने विपक्षी जेडी बा के लक्ष्मी नारायण को भारी वोटों से हराया। 1996 में उन्होंने फर्रुखाबाद से चुनाव लड़ा। और उन्होंने अपने विपक्षी सपा के उम्मीदवार अनवर मोहम्मद को मतों के अंतर से हाराया। 1998 दुबारा से फर्रुखाबाद सीट से चुनाव लड़ा और सपा प्रत्याशी अरविंद प्रताप को 32,211 वोटों से हराया। 1999 में भाजपा ने उनका टिकट रोक दिया तो उन्होंने भाजपा छोड़कर सपा के उम्मीदवार के रुप में चुनाव लड़ा और हार गये। 2000 में वह राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए। 2014 में एक बार फिर वो भाजपा में शामिल हो गए और 16वीं लोकसभा का चुनाव उन्नाव से लड़ा और  सपा नेता अरुण शंकर शुक्ला को हरा कर भारी मतों से जीत हासिल की। 2019 में भी एक बार फिर उन्होंने उन्नाव से चुनाव लड़ा और एक बार फिर अरुण शंकर शुक्ला को हरा भारी मतों से जीत हासिल की। 
 
अन्नू टंडन का राजनीतिक करियर

अन्नू टंडन ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 2009 में की थी। जब कांग्रेस ने उन्हें आम चुनाव में एक नौसिखिया राजनीतिक उम्मीदवार के रूप में  मैदान में उतारा था। तब  उन्होंने पहली बार चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। 2009 में वह जल संसाधन और महिला सशक्तिकरण समिति में सदस्य के रूप में कार्य किया है,तब वह 15वीं लोकसभा का हिस्सा थी। 2014 में उन्होंने उन्नाव लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के रुप में चुनाव लड़ा और भाजपा प्रत्याशी डॉ. सच्चिदानंद हरि साक्षी महाराज से हार का सामना करना पड़ा । चुनाव नतीजों में वह चौथे स्थान पर रहीं और बहुत मुश्किल से 16% वोटों के साथ अपनी जमानत बचा पाईं। 2019 उन्नाव से दोनों प्रत्याशी (डॉ. सच्चिदानंद हरि साक्षी महाराज और अन्नू टंडन ) एक बार चुनावी मैदान में उतरे और एक बार फिर अन्नू टंडन को साक्षी महाराज से हार का सामना करना पड़ा। अन्नू टंडन ने अक्टूबर 2020 में कांग्रेस छोड़ दी थी, जिसके बाद उन्होंने दो नवंबर 2020 में सपा की सदस्यता ले ली थी। तब से वह अभी तक सपा में हैं।

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