भारत सरकार ने अपने आदेश में स्पष्ट लिखा कि उपभोक्ता के परिसर पर जो साधारण मीटर लगा है, उसे ही चेक मीटर के रूप में प्रयोग में लाया जाए और चेक मीटर के मिलान को अनिवार्य रूप से तीन महीने तक किया जाए और दोनों की रीडिंग की समीक्षा की जाए, जिससे उपभोक्ता स्वत: दोनों मीटर की मिलान कर ले और उसकी विश्वसनीयता कायम रहे।
यूपी में अब तक लगाए गए 1.45 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर : गाइडलाइन का पालन दूर हर महीने रिपोर्ट भेजने की भी फिक्र नहीं
Sep 30, 2024 18:32
Sep 30, 2024 18:32
ऊर्जा मंत्रालय ने दिए थे ये निर्देश
भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय ने एक वर्ष पहले 16 सितंबर 2023 को जब स्मार्ट प्रीपेड मीटर का टेंडर फाइनल हुआ था, तब यह स्पष्ट निर्देश जारी किया था कि पूरे देश में उपभोक्ताओं के मन में यह आशंका है कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर तेज चलता है और बिलिंग ज्यादा बताता है, इसलिए उसकी विश्वसनीयता कायम करने के लिए अनिवार्य रूप से 5 प्रतिशत स्मार्ट प्रीपेड मीटर के समानांतर चेक मीटर लगाया जाए।
प्रदेश में अभी तक लगाया गया एक भी चेक मीटर
भारत सरकार ने अपने आदेश में स्पष्ट लिखा कि उपभोक्ता के परिसर पर जो साधारण मीटर लगा है, उसे ही चेक मीटर के रूप में प्रयोग में लाया जाए और चेक मीटर के मिलान को अनिवार्य रूप से तीन महीने तक किया जाए और दोनों की रीडिंग की समीक्षा की जाए, जिससे उपभोक्ता स्वत: दोनों मीटर की मिलान कर ले और उसकी विश्वसनीयता कायम रहे। ये भी कहा गया कि चेक मीटर की कोई भी फीस उपभोक्ता से नहीं ली जाएगी। लेकिन, उत्तर प्रदेश में अभी तक एक भी चेक मीटर उपभोक्ता के परिसर पर नहीं लगाया गया, जो या सिद्ध करता है कि बिजली कंपनियां मीटर लगाने वाले उद्योगपतियों के इशारे पर काम कर रही हैं।
नियमों का तत्काल पालन कराने की मांगयूपी में 1.45 लाख प्रीपेड मीटर लगाने के दौरान गाइडलाइन ताक में रख दी गई। चेक मीटर से लेकर हर महीने रिपोर्ट भेजने का पालन ठंडे बस्ते में@MinOfPower @CMOfficeUP @uprvup @UPPCLLKO @ChairmanUppcl @mduppcl @aksharmaBharat @EMofficeUP @PuVVNLHQ @MdPvvnl @MDDVVNL @dvvnlhq @MVVNLmd pic.twitter.com/9ixuEe0yaK
— sanjay singh (@sanjay_media) September 30, 2024
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने इस मामले को गंभीरता से उठाया है। उन्होंने सभी बिजली कंपनियों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगवाने वाले उच्च अधिकार जो इसकी मॉनीटरिंग कर रहे हैं, उन्हें इस आदेश से अवगत कराते हुए कहा कि आखिर इसका उल्लंघन क्यों किया जा रहा है। उन्होंने नियमों के मुताबिक इसका तत्काल पालन कराए जाए की मांग की। अवधेश वर्मा ने कहा कि कुछ कंपनियों ने तो भारत सरकार के आदेश के क्रम में अपने डिस्काम में आदेश भी जारी कर दिया था। लेकिन, वह यह भूल गए कि केवल आदेश जारी करने से काम नहीं चलता है उसका क्रियान्वयन होना जरूरी है।
ऊर्जा मंत्रालय को हर महीने रिपोर्ट भेजने का नहीं हो रहा पालन
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष ने कहा भारत सरकार ने स्पष्ट रूप से अपने आदेश में कहा था कि उपभोक्ता परिसर पर जो चेक मीटर लगाए जाएंगे, उसकी प्रत्येक माह रिपोर्ट भारत सरकार ऊर्जा मंत्रालय को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराई जाए। उपभोक्ता परिषद ने इसे लागू करने के लिए काफी लंबा संघर्ष किया था और इस 5 प्रतिशत की सीमा को 30 प्रतिशत करने के लिए भारत सरकार को एक प्रस्ताव भी भेजा है। संगठन ने यह मांग उठाई है कि सीमा बढ़ाया जाना बेहद जरूरी है, जिससे प्रदेश के सभी विद्युत उपभोक्ता अपने परिसर पर पुराने लगे मीटर और उसके समानांतर लगाए जाने वाले स्मार्ट प्रीपेड मीटर की रीडिंग का मिलान करके विश्वसनीयता स्थापित कर सके कि मीटर तेज तो नहीं चल रहा है।
घटिया क्वालिटी के डर से कदम नहीं उठा रहे अफसर
उन्होंने कहा कि इससे कहीं न कहीं घटिया क्वालिटी के मीटर का पर्दाफाश हो जाएगा, इसलिए सभी बिजली कंपनियों से उपभोक्ता परिषद यह अनुरोध करता है कि भारत सरकार के आदेश का शत प्रतिशत पालन कराया जाए। उन्होंने कहा कि बेहतर होगा कि पहले फेस में सभी विद्युत उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट प्रीपेड मीटर के समानांतर उनके घर में लगे साधारण मीटर को चेक मीटर के रूप में घोषित किया जाए।
Also Read
30 Sep 2024 10:31 PM
लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने भवनों भूखण्डों के नामांतरण की प्रक्रिया और सरल कर दिया है। अब सम्पत्त अनुभाग ऑनलाइन जमा कराए जाने वाले नामांतरण शुल्क का खुद सत्यापन कराएगा। और पढ़ें