UPPCL : बिजली कटौती के खिलाफ नियामक आयोग पहुंचा उपभोक्ता परिषद, कहा- दूसरे राज्यों को बेचकर हो रही कमाई

बिजली कटौती के खिलाफ नियामक आयोग पहुंचा उपभोक्ता परिषद, कहा- दूसरे राज्यों को बेचकर हो रही कमाई
UPT | उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड।

Jul 03, 2024 23:59

उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने एक बड़ा खुलासा करने का दावा करते हुए कहा कि रियल टाइम मार्केट में 3 बजकर 32 मिनट तक बुधवार को कारपोरेशन ने दूसरे राज्यों को 1842 मेगावाट बिजली बेची, जबकि प्रदेश में बिजली कटौती की जा रही है।

Jul 03, 2024 23:59

Short Highlights
  • दूसरे राज्यों को बिजली दे रहा यूपी, अपने उपभोक्ताओं पर ध्यान नहीं
  • यूपी में पहले से ही सबसे कम ऊर्जा खपत 
Lucknow News : प्रदेश में ग्रामीण इलाकों में छह घंटे बिजली कटौती की रोस्टर प्रणाली को लेकर उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने कई सवाल उठाए हैं। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) के इस फैसले के खिलाफ उपभोक्ता परिषद यूपी विद्युत नियामक आयोग पहुंचा और अपना प्रस्ताव दाखिल किया। संगठन ने प्रस्ताव में कहा है कि आयोग तत्काल पावर कारपोरेशन को विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 23 के तहत निर्देश जारी करे। सभी उपभोक्ताओं को 24 घंटे विद्युत आपूर्ति का अधिकार है।

यूपीपीसीएल ने बुधवार को बेची 1842 मेगावाट बिजली
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने एक बड़ा खुलासा करने का दावा करते हुए कहा कि रियल टाइम मार्केट में 3 बजकर 32 मिनट तक बुधवार को कारपोरेशन ने दूसरे राज्यों को 1842 मेगावाट बिजली बेची, जबकि प्रदेश में बिजली कटौती की जा रही है। उन्होंने ऐसे में उपभोक्ताओं के हित में इस प्रकरण को लेकर आयोग से हस्तक्षेप करने की मांग की। उपभोक्ता परिषद का कहना है कि बिजली कटौती से प्रति व्यक्ति ऊर्जा की खपत कम होगी। उत्तर प्रदेश में पहले से ही ऊर्जा खपत सबसे कम है। 

दरों का दिया हवाला, रोस्टर लागू होने से और कम मिलेगी बिजली
उपभोक्ता परिषद ने रोस्टर प्रणाली लागू होने को लेकर आयोग के सामने कई तथ्य रखे हैं। इसमें रोस्टर व्यवस्था लागू करने की मौजूदा दरों का हवाला दिया गया है। कहा गया है कि दो जुलाई को 2.31 रुपए प्रति यूनिट और मिनिमम 70 पैसे में पावर एक्सचेंज बिजली उपलब्ध है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र में 6 घंटे की कटौती करना सही नहीं है। ये पूरी तरह से गलत है। ग्रामीण उपभोक्ताओं को भी शहरी उपभोक्ताओं की तरह बिजली आपूर्ति का अधिकार है। उपभोक्ता परिषद का कहना है कि देश के किसी भी प्रदेश में वर्तमान में रोस्टर प्रणाली लागू नहीं है। नई व्यवस्था लागू होने के बाद पहले से कम बिजली मिलने से उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ेगी। इसके साथ ही लोकल फाल्ट की समस्या भी बरकार है। ऐसे में ग्रामीण इलाके के उपभोक्ताओं को बमुश्किल 10 से 12 घंटे बिजली मिल सकेगी। 

चौबीस घंटे बिजली आपूर्ति के दावे से यूपीपीसीएल ने कदम खींचे
दरअसल यूपीपीसीएल ने प्रदेश में बिजली आपूर्ति के मामले में रोस्टर प्रणाली को फिर लागू कर दिया है। अब नए रोस्टर के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में छह घंटे की कटौती की बात कही गई है। वहीं प्रदेश के सभी तहसील मुख्यालय और नगर पंचायत मुख्यालय में ढाई घंटे और बुंदेलखंड में चार घंटे की बिजली कटौती की जाएगी। इससे पहले विगत अप्रैल महीने में ही बिजली संबंधित रोस्टर खत्म करने की बात करते हुए 24 घंटे आपूर्ति का दावा किया गया। अब दो महीने बाद ही रोस्टर प्रणाली लोगों को हजम नहीं हो रही है। उपभोक्ता परिषद ने इसे लेकर सवाल उठाया है।

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