UPPCL OTS : प्रबंधन पर अभियंताओं-कर्मचारियों के उत्पीड़न का आरोप, संघर्ष समिति ने किया कार्रवाई का विरोध

प्रबंधन पर अभियंताओं-कर्मचारियों के उत्पीड़न का आरोप, संघर्ष समिति ने किया कार्रवाई का विरोध
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Dec 25, 2024 19:46

संघर्ष समिति ने यूपीपीसीएल प्रबंधन के इस कदम की कड़ी निंदा की है। साथ ही कहा कि इस प्रकार की कार्रवाई आदि से न केवल एकमुश्त समाधान योजना की सफलता प्रभावित होगी, बल्कि प्रदेश की बिजली व्यवस्था की गुणवत्ता पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है।

Dec 25, 2024 19:46

Lucknow News : दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (DVVNL) और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (PuVVNL) के निजीकरण के फैसले के खिलाफ पूरे प्रदेश में बिजली कर्मचारी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। आगामी बिजली पंचायत की तैयारी के लिए जनपदों में जनजागरण अभियान जारी है। ऊर्जा संगठन ने एक बार फिर कहा है कि जन विरोधी, किसान विरोधी व कर्मचारी विरोधी निजीकरण किसी को भी स्वीकार नहीं है। इसलिए व्यापक जनहित में निजीकरण का प्रस्ताव निरस्त किया जाए। इस बीच विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) प्रबंधन के एकमुश्त समाधान योजना (OTS) की समीक्षा बैठक के नाम पर अभियंताओं और कर्मचारियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर की गई उत्पीड़नात्मक कार्रवाई को लेकर विरोध जताया है।

समीक्षा बैठक में निष्पक्षता की कमी का आरोप
संघर्ष समिति ने यूपीपीसीएल प्रबंधन के इस कदम की कड़ी निंदा की है। साथ ही कहा कि इस प्रकार की कार्रवाई आदि से न केवल एकमुश्त समाधान योजना की सफलता प्रभावित होगी, बल्कि प्रदेश की बिजली व्यवस्था की गुणवत्ता पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि समीक्षा बैठक में योजना की धरातल पर सफलता पर चर्चा करने के बजाय, डिस्कॉम प्रबंधन को व्यापक स्तर पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। यह सीधे तौर पर प्रबंधन की क्षमता पर सवाल उठाता है। समिति का कहना है कि इस तरह की कार्रवाई कर्मचारियों और अभियंताओं के मनोबल को कमजोर करेंगी और योजना के लक्ष्य को बाधित करेंगी। प्रदेश में एकमुश्त समाधान योजना के तहत अब तक 8.66 लाख उपभोक्ता लाभ उठा चुके हैं। योजना के तहत 624 करोड़ का राजस्व हासिल किया गया है।


उत्पीड़न के जरिए भय का माहौल बनाने का आरोप
संघर्ष समिति के वरिष्ठ पदाधिकारियों राजीव सिंह, जितेंद्र सिंह गुर्जर, गिरीश पांडेय, महेंद्र राय और अन्य शामिल ने अपने बयान में कहा कि यूपीपीसीएल प्रबंधन निजीकरण का विरोध कर रहे कर्मचारियों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन से परेशान है। इसी वजह से भय का माहौल बनाने और राजस्व वसूली पर प्रतिकूल प्रभाव डालने के लिए अकारण बड़े पैमाने पर उत्पीड़नात्मक कार्रवाई की जा रही है।

निजीकरण के विरोध में उठाई आवाज
पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के संभावित प्रभावों पर चर्चा करते हुए संघर्ष समिति ने कहा कि गोरखपुर, झांसी और प्रयागराज में आयोजित होने वाली बिजली पंचायतों में निजीकरण के कारण होने वाले घोटालों और उनके प्रभावों को उजागर किया जाएगा। इन पंचायतों के माध्यम से सरकार और जनता को वास्तविक स्थिति से अवगत कराया जाएगा।

जन जागरण अभियान के जरिए कर्मचारियों को जोड़ा गया
संघर्ष समिति के केंद्रीय पदाधिकारियों ने गोरखपुर, देवरिया और बस्ती में जन जागरण अभियान चलाया। इस अभियान का उद्देश्य आगामी बिजली पंचायतों को सफल बनाना और निजीकरण के खिलाफ एकजुटता पैदा करना है। समिति ने स्पष्ट किया कि सभी कर्मचारी एकमुश्त समाधान योजना की सफलता के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। लेकिन, उत्पीड़नात्मक कदम इसे असफल बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।

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