इस संबंध में सभी सीएचसी-पीएचसी और अस्पतालों को निर्देश भेजे हैं। जारी किए गए निर्देशों में खांसी, सर्दी और जुकाम के मरीजों की विशेष निगरानी करने को कहा गया है।
Meerut News : मेरठ में एचएमपीवी वायरस का खतरा...स्वास्थ्य विभाग का अलर्ट जारी
Jan 09, 2025 11:29
Jan 09, 2025 11:29
- मेरठ मेडिकल में बनाया जाएगा अलग वार्ड
- सीएमओ ने सभी अस्पतालों को जारी की एडवाइजरी
- वायरल और जुकाम के मरीजों पर विशेष निगरानी
सावधानी बरतने की जरूरत
CMO डॉ. अशोक कटारिया ने बताया कि एचएमपीवी रेस्पिरेटरी (श्वसन तंत्र) का वायरस है। इससे घबराने की जरूरत नहीं है। सावधानी बरतने की जरूरत है। मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबायोलॉजी लैब में इसकी जांच होती है। मेडिकल से लेकर स्वास्थ्य केंद्रों तक सभी जगह व्यवस्थाएं तैयार हैं। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर मेरठ के मेडिकल कालेज में अलग वार्ड बनाया जाएगा।
ओपीडी में पहुंचने वाले खांसी-जुकाम, बुखार
ओपीडी में पहुंचने वाले खांसी-जुकाम, बुखार व सांस के मरीजों की जानकारी देने को कहा गया है। इसी के साथ उनके उपचार के लिए अतिरिक्त दवाएं और भर्ती करने के लिए बेड आरक्षित करने के निर्देश दिए हैं। मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबायोलॉजी लैब के प्रभारी डॉ. अमित गर्ग ने बताया कि निमोनिया के मामलों में सामान्य तौर पर भी एचएमपीवी की जांच की जाती है।
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इन बातों का ख्याल रखें
खांसी-जुकाम, बुखार और गले में खराश होने पर मास्क लगा लें। हाथों की साफ-सफाई पर ध्यान दें। भीड़भाड़ वाले स्थानों और बेवजह अस्पताल में जाने से बचें। पानी और तरल पदार्थों का अधिक सेवन करें। बिना चिकित्सीय परामर्श के कोई भी दवा नहीं खाए। एक दूसरे से हाथ मिलाने से परहेज करें। सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से परहेज बरतें।
जानिए क्या है एचएमपीवी के लक्षण
एचएमपीवी वायरस संक्रमित व्यक्ति को सर्दी-जुकाम, बुखार और सांस लेने में परेशानी के साथ ही फेफड़ों में संक्रमण,
निमोनिया हो सकता है। इसके लिए सबसे पहले चिकित्सक से सलाह लें और लैब में इसकी जांच कराएं।
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