नोएडा के कैंब्रिज स्कूल में साढ़े तीन साल की बच्ची से हुए डिजिटल रेप के मामले ने बड़ा रूप ले लिया है। दरअसल, इस जघन्य वारदात को स्कूल प्रशासन...
नोएडा कैंब्रिज स्कूल केस : यूपी कांग्रेस ने पुलिस और सरकार पर हमला बोला, उद्योगपतियों की कठपुतली बताया
Oct 19, 2024 23:34
Oct 19, 2024 23:34
जिसका अनुमान था वही हुआ। घटना के कई दिन बीत जाने के बाद भी शासन-प्रशासन, पुलिस और शिक्षा विभाग द्वारा Cambridge School पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
— UP Congress (@INCUttarPradesh) October 19, 2024
सरकार की कमजोरी आप इससे ही समझ सकते हैं कि स्कूल ने नोएडा पुलिस को कैम्पस में घुसने तक नहीं दिया। पुलिस 3 घंटे तक गेट पर ही खड़ी… https://t.co/LdWotQ995R pic.twitter.com/l5CcyzjOg7
यूपी कांग्रेस के आधिकारिक एक्स प्रोफ़ाइल से एक ट्वीट किया गया है। जिसमें लिखा गया है, “जिसका अनुमान था वही हुआ। घटना के कई दिन बीत जाने के बाद भी शासन-प्रशासन, पुलिस और शिक्षा विभाग द्वारा कैंब्रिज स्कूल पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।” यूपी कांग्रेस ने आगे लिखा है, “सरकार की कमजोरी आप इससे ही समझ सकते हैं कि स्कूल ने नोएडा पुलिस को कैम्पस में घुसने तक नहीं दिया। पुलिस 3 घंटे तक गेट पर ही खड़ी रही पर प्रिंसिपल मिलने भी नहीं आईं। अब आप ही बताइए उद्योगपतियों के हाथ की कठपुतली भाजपा सरकार से न्याय की क्या उम्मीद की जा सकती है?”
उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने इस मामले में कड़ा रुख़ अख़्तियार करते हुए आगे लिखा है, “जब एक 3 साल की मासूम के साथ स्कूल में दुर्व्यवहार होने पर भी न्याय नहीं मिल पा रहा है तो अपराधियों के हौंसले बुलंद क्यों नहीं होंगे?” आपको बता दें कि इससे पहले उत्तर प्रदेश कांग्रेस की सोशल मीडिया हेड पंखुड़ी पाठक ने ट्वीट किया था। उन्होंने भी नोएडा पुलिस, प्रशासन और शिक्षा विभाग की उदासीनता पर सवाल खड़े किए थे। गौतमबुद्ध नगर कांग्रेस के जिलाध्यक्ष दीपक भाटी चोटीवाला ने भी सोशल मीडिया पर इस जघन्य अपराध के लिए ज़िम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करने की मांग की है। साथ ही उदासीन रवैया अपनाने वाले अफ़सरों पर भी कार्रवाई करने की मांग राज्य सरकार से की है।
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आपको बता दें कि यह घटना कैंब्रिज स्कूल में 10 दिन पहले हुई थी। बच्ची के माता-पिता की शिकायत पर पुलिस ने एफ़आईआर दर्ज कर ली। केवल एक कर्मचारी को गिरफ़्तार करके जेल भेज दिया गया। इस मामले को ट्राईसिटी टुडे ने उजागर किया। इसके बावजूद स्कूल प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। जब अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन से घटना के बारे में जानकारी मांगी तो झूठ बोल कर मामले को दबाने की कोशिश की गई। दूसरी तरफ, पुलिस ने भी ढुलमुल रवैया अख़्तियार किया। जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग ने इस गंभीर घटना की जांच करने के लिए कोई क़दम नहीं उठाया। शनिवार को अभिभावकों ने प्रदर्शन किया तो जिलाधिकारी मनीष वर्मा ने जांच कमेटी का गठन किया है। स्कूल प्रबंधन ने प्रिंसिपल और हेड मिस्ट्रेस की सेवा समाप्त कर दी है।
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