बिजनौर के नुमाइश ग्राउंड मैदान में 24 अक्टूबर को किसानों की अब तक की सबसे विशाल महापंचायत होगी। इस महापंचायत में बिजली की समस्या , किसानों पर गुलदार के हमले , गन्ना भुगतान व गन्ना मूल्य वृद्धि की बातों पर जोर दिया जाएगा।
24 अक्टूबर को होने वाली किसानों की महापंचायत की तैयारी जोरों पर : गुलदार के हमले और गन्ना मूल्य वृद्धि पर किया जाएगा मंथन
Oct 19, 2024 19:23
Oct 19, 2024 19:23
महापंचायत की तैयारियों का निरीक्षण
शनिवार को महापंचायत की तैयारी के लिए भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के पुत्र चरण सिंह टिकैत और मुरादाबाद से भाकियू के राष्ट्रीय सचिव डॉ. नौ सिंह बिजनौर पहुंचे। उन्होंने नुमाइश ग्राउंड का दौरा किया और विभिन्न व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ मण्डल अध्यक्ष बाबूराम तोमर, ज़िला अध्यक्ष सत्यवीर सिंह, पश्चिमी यूपी उपाध्यक्ष अशोक घटायन, मण्डल प्रवक्ता आदिल जैदी, जिला उपाध्यक्ष मुनेंद्र चौधरी और अन्य भाकियू नेता मौजूद थे। उन्होंने मंच और खाने-पीने के स्टॉल के लिए चिह्नित स्थानों का भी जायजा लिया।
किसानों की समस्याओं पर होगी चर्चा
महापंचायत का मुख्य उद्देश्य बिजनौर के किसानों और मजदूरों की समस्याओं को उठाना है। पिछले कुछ समय से गुलदार के हमले से किसानों और ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। इन हमलों में कई लोगों की जान जा चुकी है, और भाकियू नेताओं का मानना है कि प्रशासन इस समस्या को गंभीरता से नहीं ले रहा है। महापंचायत में इस मुद्दे पर चर्चा होगी और वन विभाग द्वारा गुलदार को पकड़ने के प्रयासों को तेज करने की मांग की जाएगी। इसके साथ ही, किसानों द्वारा गन्ना मूल्य वृद्धि की मांग पर भी विचार किया जाएगा। भाकियू नेताओं का कहना है कि गन्ना सीजन शुरू होने वाला है, लेकिन सरकार ने अभी तक गन्ने के नए मूल्य की घोषणा नहीं की है, जिससे किसानों में असंतोष बढ़ता जा रहा है।
जाम की समस्या से बचने की रणनीति
महापंचायत के दौरान ट्रैफिक जाम से बचने के लिए भाकियू ने विशेष रणनीति तैयार की है। प्रदर्शनी मैदान में नटराज की प्रतिमा के सामने मंच स्थापित किया जाएगा। किसानों की एंट्री चौधरी चरण सिंह चौक के सामने के मुख्य गेट से होगी। इसके अलावा, प्रदर्शनी ग्राउंड के दोनों ओर के रास्तों से किसान अपने ट्रैक्टर लेकर निर्धारित ट्रैक्टर पार्किंग में खड़े करेंगे। इस व्यवस्था से आम जनता को जाम की समस्या से राहत मिलने की उम्मीद है।
प्रशासन की आलोचना और वन कर्मियों की कमी पर सवाल
महापंचायत के आयोजन से पहले, भाकियू मण्डल अध्यक्ष बाबूराम तोमर ने जिला प्रशासन की आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन किसानों और मजदूरों की समस्याओं की अनदेखी कर रहा है। उन्होंने कहा कि गुलदार के हमलों के बावजूद सरकार और प्रशासन गंभीर कदम उठाने में असफल रहे हैं। तोमर ने यह भी सवाल उठाया कि वन विभाग में कर्मियों की कमी के बावजूद 13 वन कर्मियों को छह महीने की ट्रेनिंग के लिए भेजा गया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार को किसानों और मजदूरों की सुरक्षा की कोई चिंता नहीं है।
किसानों के हित के लिए भाकियू का संकल्प
भाकियू ने इस महापंचायत के जरिए सरकार पर दबाव बनाने की योजना बनाई है ताकि किसानों की समस्याओं का समाधान हो सके। गन्ना मूल्य वृद्धि के मुद्दे पर भी भाकियू ने सरकार से जल्द से जल्द निर्णय लेने की मांग की है। जिले की सभी चीनी मिलें चालू होने के लिए तैयार हैं, लेकिन किसानों की मेहनत का सही मूल्य सुनिश्चित करने के लिए गन्ना मूल्य वृद्धि की घोषणा जरूरी है।
कुल मिलाकर, बिजनौर की यह महापंचायत किसानों की आवाज को बुलंद करने का एक महत्वपूर्ण मंच बनने जा रही है। भाकियू के नेता इसे सफल बनाने के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं, ताकि किसानों की समस्याओं का समाधान हो सके और उनके हितों की रक्षा की जा सके।
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