Ghaziabad News : श्री कल्कि धाम में पांच दिवसीय शिलादान महायज्ञ का आयोजन

श्री कल्कि धाम में पांच दिवसीय शिलादान महायज्ञ का आयोजन
UPT | श्री कल्कि धाम में पांच दिवसीय शिला दान महायज्ञ के दौरान मंच पर उपस्थित विभूतियां।

Nov 13, 2024 23:08

आचार्य सुधांशु महाराज, श्रीमहंत नारायण गिरि जैसे सिद्ध संतों का ही आशीर्वाद है कि आज श्री कल्कि धाम विश्वका प्रमुख आघ्यात्मिक व धार्मिक केंद्र के रूप में अपनी पहचान बना रहा है और दिव्य व भव्य बनने की ओर अग्रसर

Nov 13, 2024 23:08

Short Highlights
  • कल्कि धाम पहुंचे दूधेश्वरनाथ पीठ के महंत नारायण गिरी
  • श्रीकल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने की अध्यक्षता
  • जब कोई अच्छा कार्य करता है तो भगवान भी साथ देते हैं
Ghaziabad News : श्री कल्कि धाम धर्म, आध्यात्म, शक्ति का ही नहीं विद्या, संस्कार, नैतिक मूल्यों का भी विश्व का प्रमुख केंद्र बन चुका है। ये कहना है आचार्य सुधांशु महाराज का। गाजियाबाद दूधेश्वरनाथ पीठ के महंत नारायण गिरी महाराज ने कहा कि श्री कल्कि धाम पूरे विश्व को धर्म, सत्य, न्याय व अच्छाई के मार्ग पर ले जाएगा। आचार्य सुधांशु महाराज व श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज जैसे संतों के आर्शीवाद से श्री कल्कि धाम दिव्य व भव्य रूप ले रहा है।

श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज विशिष्ट अतिथि रहे
कल्कि धाम ग्राम एचोडा कम्बोह, सम्भल में चल रहे पंच दिवसीय शिला दान महायज्ञ में शनिवार को विश्व विख्यात कथा व्यास व विश्व जागृति मिशन के संस्थापक आचार्य सुधांशु महाराज रहे। श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज विशिष्ट अतिथि रहे। अध्यक्षता श्रीकल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने की। आचार्यसुधांशु महाराज, श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने आचार्य प्रमोद कृष्णम के साथ दीप प्रज्वलन कर धार्मिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरूआत की।

नैतिक मूल्यों का भी विश्व का प्रमुख केंद्र
आचार्य सुधांशु महाराज ने कहा कि श्री कल्कि धाम आज धर्म, आध्यात्म, शक्ति का ही नहीं विद्या, संस्कार, नैतिक मूल्यों का भी विश्व का प्रमुख केंद्र बन चुका है। आध्यात्म, धर्म, सनातन धर्म की पताका पूरे विश्व में फहराने वाला श्री कल्कि धाम श्रीकल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम के नेतृत्व व मार्गदर्शन में समाज सेवा के क्षेत्र में भी मिसाल कायम कर रहा है। शास्त्रों के अनुसार श्री कल्कि अवतार यहीं पर होना है।

धर्म व आध्यात्म का प्रकाश पूरे विश्व में
भगवान विष्णु श्री कल्कि अवतार लेकर अधर्म, अन्याय, बुराई, असत्य व अत्याचार का नाश कर धर्म, न्याय, सत्य व अच्छाई की स्थापना करेंगे और यह धाम भगवान के अवतार से पहले ही धर्म व आध्यात्म का प्रकाश पूरे विश्व में फैला रहा है। श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि भगवान विष्णु के दसवें अवतार श्री कल्कि का अवतार संभल की पावन धरा पर ही होना है। इसी कारण श्रीकल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने यहां पर भूमि का चयन कर श्री कल्कि धाम बनाने का संकल्प लिया।

बहुत से धर्म विरोधियों ने प्रयास किया
बहुत से धर्म विरोधियों ने प्रयास किया कि उनका यह संकल्प पूरा ना हो,मगर जब कोई अच्छा कार्य करता है तो भगवान भी साथ देते हैं। भगवान ने उनका साथ दिया और सभी विकिट परिस्थितियों के बावजूद आज यहां पर भगवान का ऐसा दिव्यव भव्य धाम बन रहा है, जो पूरे विश्व को धर्म, सत्य, न्याय व अच्छाई के मार्ग पर चलाएगा। विश्व जागृति मिशन के संस्थापक सुघांशु महाराज जो पूरे विश्व में सनातन धर्म व भारतीय संस्कृति की पताका फहरा रहे हैं, उन्होंने इस धाम की स्थापना रखी जो बहुत ही गर्व की बात है।

श्री कल्कि धाम का शिलान्याय स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया
श्री कल्कि धाम का शिलान्याय स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है, जो संत से कम नहीं हैं। जब ऐसे महापुरूषों का साथ हो तो सभी बाधाएं और अडचनें दूर हो जाती हैं। जिस प्रकार 500 वर्ष के बाद अयोध्या में राम जन्म भूमि पर भगवान राम का दिव्य व भव्य मंदिर बना है, उसी प्रकार श्री कल्कि धाम भी भव्य व दिव्य बनेगा और इस कार्य में श्री पंच दशनाम जूना अखाडा, अखाडा परिषद समेत देश के सभी संत भी साथ हैं। श्रीकल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि आशीर्वाद में बहुत शक्ति होती है और बिगडे काम भी बन जाते हैं।

कल्कि धाम विश्व का प्रमुख आघ्यात्मिक व धार्मिक केंद्र
यह आचार्य सुधांशु महाराज, श्रीमहंत नारायण गिरि जैसे सिद्ध संतों का ही आशीर्वाद है कि आज श्री कल्कि धाम विश्वका प्रमुख आघ्यात्मिक व धार्मिक केंद्र के रूप में अपनी पहचान बना रहा है और दिव्य व भव्य बनने की ओर अग्रसर है। वे सुशांशु महाराज के सदैव ऋणी रहेंगे क्योंकि जब वर्ष 2016 में उस समय की सरकार ने आदेश दे दिया था कि यहां पर मंदिर नहीं बनाया जा सकता है, उस समय वे ना सिर्फ आगे आए, बल्कि मंदिर की स्थापना की नींव भी रखी।

उनकी 18 वर्ष की आध्यात्मिक यात्रा के साक्षी
उनकी 18 वर्ष की आध्यात्मिक यात्रा के साक्षी श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज रहे हैं। उनका सदैव यही प्रयास रहा कि सनातन धर्म को मजबूत करने व भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार से कभी भी पीछे ना हटा जाए, भले ही कितनी भी विकट व विषम परिस्थति सामने क्यों ना हो। 

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