इस वर्ष नवंबर माह में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब वायु गुणवत्ता सामान्य से लेकर खराब स्तर पर रही हो। वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) लागू है।
Ghaziabad weather news : गाजियाबाद में अगले दो दिन सांसों पर भारी, हवा की गति बदलने से बढ़ेगा AQI
Nov 30, 2024 08:39
Nov 30, 2024 08:39
- एनसीआर में आबो हवा फिर से खराब होने के संकेत
- तापमान गिरने से बढ़ेगा वायु प्रदूषण सूचकांक
- पिछले दो माह से एक्यूआई 250 के ऊपर
हवा की दिशा व गति बदलने से वायु गुणवत्ता बेहद खराब स्थिति में
गाजियाबाद में हवा की दिशा व गति बदलने से वायु गुणवत्ता बेहद खराब स्थिति में पहुंच रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 280 दर्ज किया गया। इसमें गुरुवार की तुलना में 20 अंकों की वृद्धि हुई है। शुक्रवार को स्मॉग की चादर छाई रही। डिसिजन स्पोर्ट सिस्टम (डीएसएस) के मुताबिक, हवा में ट्रांसपोर्ट से होने वाले प्रदूषण की हिस्सेदारी 20 फीसदी, कूड़ा जलने से होने वाले प्रदूषण की हिस्सेदारी 10 फीसदी रही।
सीपीसीबी का पूर्वानुमान है
सीपीसीबी का पूर्वानुमान है कि रविवार तक वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में पहुंचेगा। शुक्रवार को दिल्ली से सटे इलाकों में एक्यूआई बेहद खराब श्रेणी में दर्ज किया गया।
एनसीआर में प्रदूषित शहर का एक्यूआई
गाजियाबाद----283
ग्रेटर नोएडा----270
नोएडा-------289
दिल्ली-------331
गुरुग्राम-------254
फरीदाबाद-----190
(नोट: आंकड़े सीपीसीबी के मुताबिक)
बारिश ने नहीं दिया साथ
गाजियाबाद में नवंबर माह में बारिश ने साथ नहीं दिया। इस माह में बारिश ही नहीं, बल्कि बूंदा-बांदी के लिए भी लोग तरस गए। जबकि 2023 में इस माह में चार दिन बारिश हुई थी। इस साल अक्तूबर का महीना पांच साल में सबसे ज्यादा सूखा रहा। इसका सीधा असर वायु गुणवत्ता के साथ सर्दी में देखने को मिला रहा है। ये माह आज खत्म हो रहा है। लेकिन अच्छी ठंड ने दस्तक नहीं दी है।
वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) लागू
इस वर्ष नवंबर माह में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब वायु गुणवत्ता सामान्य से लेकर खराब स्तर पर रही हो। वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) लागू है। लेकिन, इसका असर देखने को नहीं मिल रहा है। सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, इस साल पूरे नवंबर माह में सांसों पर संकट रहा है। इसमें 20 दिन ऐसे रहे जब हवा बेहद खराब श्रेणी में रही। ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि हवा की दशा सुधरने के बजाए इस बार और बिगड़ी है। हवा की गति चार किलोमीटर प्रतिघंटे है। जबकि 10 किलोमीटर प्रतिघंटे होनी चाहिए।
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