Ghaziabad News : हरनंदीपुरम टाउनशिप और इंदिरापुरम हस्तांतरण जीडीए की प्रमुख उपलब्धियां, नए साल में साकार होंगी नई उम्मीदें

हरनंदीपुरम टाउनशिप और इंदिरापुरम हस्तांतरण जीडीए की प्रमुख उपलब्धियां, नए साल में साकार होंगी नई उम्मीदें
UPT | पुराने साल 2024 में जीडीए ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियों को हासिल किया

Jan 01, 2025 09:22

नए साल 2025 में गाजियाबाद के विकास के लिए जीडीए ने खास प्लान तैयार किया है। इसमें हरनंदीपुरम को बसाने की योजना प्रमुख है। 2024 में जीडीए के नाम जो उपलब्धियां रहीं वो प्रमुख हैं।  

Jan 01, 2025 09:22

Short Highlights
  • कैलेण्डर वर्ष 2024 में जीडीए ने हासिल की महत्वपूर्ण उपलब्धियां
  • बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली को प्रभावी ढंग से लागू किया 
  • लैण्ड ऑडिट व सम्पत्ति ऑडिट में मिली 1000 करोड़ की संपत्ति 
Ghaziabad News : पुराने साल 2024 में जीडीए ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियों को हासिल किया। नए साल 2025 में गाजियाबाद के विकास के लिए जीडीए ने खास प्लान तैयार किया है। इसमें हरनंदीपुरम को बसाने की योजना प्रमुख है। 2024 में जीडीए के नाम जो उपलब्धियां रहीं वो प्रमुख हैं।  

नया गाजियाबाद 'हरनन्दीपुरम' योजना
नया गाजियाबाद 'हरनन्दीपुरम' योजना लाये जाने की संकल्पना उपाध्यक्ष द्वारा की गई। जिसके क्रम में योजना की परिधि का निर्धारण कर लिया गया है। कुल 521 हे0 भूमि पर योजना लायी जायेगी। भूमि को ‘आपसी-सहमति' के आधार पर ‘सीधा क्रय' किया जायेगा। अधिग्रहण हेतु दर निर्धारण के लिये जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बैठक की गई। जिसके लिये समिति का गठन करते हुये प्रथम बैठक 13 दिसंबर 2024 को हो चुकी है। वर्तमान में किसानों और भूमि धारकों से सहमति प्राप्त की जा रही है।  

इन्दिरापुरम योजना का हस्तान्तरण  
इन्दिरापुरम योजना को नगर निगम गाजियाबाद को हस्तान्तरित किया गया है। जिसके लिये जरूरी नागरिक सुविधाओं को जन सामान्य के उपयोग हेतु सुलभ बनाये जाने के उद्देश्य से प्राधिकरण द्वारा रूपये 185 करोड़ नगर निगम गाजियाबाद की सहमति से हस्तगत कराया गया। यह कार्यक्षेत्र के विकास, सुचारू प्रबंधन और नागरिक सुविधाओं को बेहतर बनाने की दशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। 

बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली का कार्यान्वयन 
अनुशासन किसी भी संस्था का आईना होता है, अतः अनुशासन में सुदृढ़ता लाने हेतु गाजियाबाद विकास प्राधिकरण में दिनांक 1 दिसम्बर 2024 से बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली को प्रभावी ढंग से लागू किया जा चुका है। इससे प्रशासनिक कार्यशैली को अधिक प्रभावी एवं पारदर्शी बनाया जा सकेगा। इसके क्रियान्वयन से प्राधिकरण के प्रत्येक अधिकारी/कर्मचारियों को प्रातः 10.00 बजे से 10.15 तक अपनी उपस्थिति बायोमेट्रिक मशीन पर दर्ज कराना आवश्यक कर दिया गया है। 10.30 बजे के बाद उपस्थिति दर्ज करने पर आकस्मिक अवकाश एवं वेतन आहरण पर प्रतिबंध किये जाने हेतु उपाध्यक्ष महोदय द्वारा विस्तृत निर्देश निर्गत किये गये हैं। 

लैण्ड ऑडिट व सम्पत्ति ऑडिट 
प्राधिकरण की पूर्व विकसित योजनाओं का लैण्ड ऑडिट और सम्पत्ति ऑडिट विशेषज्ञ फर्म के माध्यम से कराया गया। इस प्रक्रिया में विभिन्न योजनाओं में से लगभग 1000 करोड़ मूल्य की सम्पत्ति रिक्त पायी गई है जिसे नियोजित कर नीलामी के माध्यम से निस्तारण किया जायेगा। 

वित्तीय वर्ष 2023-24 में आय का लेखा-जोखा 
1. प्रवर्तन जोनों से शमन शुल्क की मद में लगभग  रूपये 22.75 करोड़, 
2. नियोजन एवं मानचित्र स्वीकृति की मद में लगभग  रूपये 319.83 करोड़ 
3. सम्पत्ति के विक्रय आदि से रूपये लगभग   रूपये 288.07 करोड़
4. अन्य मद        रूपये 102.22 करोड़ 
  कुल आय -  रूपये 732.87 करोड़ 

मधुबन बापूधाम योजना में गतिरोध का समाधान 
प्राधिकरण द्वारा वर्ष 2008 में प्रकाशित करायी गई मधुबन बापूधाम योजना में चल रहे किसान/भूधारकों के गतिरोध को समाप्त करने की रणनीति निर्धारित की गई, जिसमें किसानों द्वारा मा0 न्यायालय द्वारा निर्धारित विकसित भूखण्ड की मांग की जा रही थी। उक्त के क्रम में 06 प्रतिशत व 10 प्रतिशत के अनुपात में भूखण्ड सृजित कर दिये गये हैं, जिनका आवंटन लॉटरी सिस्टम के माध्यम से किया जायेगा। 

मलिन बस्ती/ईडब्लूएस इकाईयों के जीर्णोद्धार 
प्राधिकरण द्वारा तुलसी निकेतन योजना के ई0डब्लू0एस0 भवनों के जीर्णोद्धार हेतु कंसलटेंट एजेंसी ई0 एण्ड वाई0 से कार्ययोजना व डीपीआर तैयार करायी जा रही है। भविष्य में पीपीई मॉडल पर मजबूत व शानदार भवन, दुर्बल वर्ग/अल्प आय वर्ग के लोगों को दिये जायेंगे।     

इस्टर्न ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर (ईओआरसी) प्रोजेक्ट 
इस्टर्न ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर (ईओआरसी) प्रोजेक्ट की संकल्पना भारत में एक समर्पित रेलवे मार्ग तैयार करने से जुड़ी है, जो मुख्यतः आर्थिक, औद्योगिक और पर्यावर्णीय उद्देश्यों के पूरा करने के लिये प्रस्तावित है। यह कॉरिडोर दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र और उसके आसपास के राज्यों में यातायात का दवाब कम करने, औद्योगिक क्षेत्र को आपस में जोड़ने और माल परिवहन को अधिक तेज और कुशल बनाने पर केन्द्रित है। इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य एवं संकल्पना माल परिवहन में वृद्धि, यातायात दवाब कम करना, औद्योगिक क्षेत्रों को जोड़ना, पर्यावर्णीय लाभ, आर्थिक विकास व अन्य है। यह परियोजना लॉजिस्टिक सेक्टर में गेम चेंजर के रूप में देखा

नये साल में प्रस्तावित महत्वपूर्ण कार्य 
1. हरनंदीपुरम योजना 
2. थीम पार्क का निर्माण,
3. लैण्ड ऑडिट में प्राप्त लगभग 1000 करोड़ की सम्पत्तियों के निस्तारण का कार्य। 
जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने बताया कि उपरोक्त कार्यों ने प्राधिकरण की कार्यप्रणाली को और अधिक व्यवस्थित और नागरिक हितैषी बनाने में योगदान दिया। प्राधिकरण इस उपलब्धियों के साथ अपने नागरिगों के प्रति सेवाओं को बेहतर बनाने के लिये निरन्तर कार्यरत है।

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