इस हड़ताल के कारण क्षेत्र के प्रसिद्ध कालीन उद्योग पर गंभीर प्रभाव पड़ने की आशंका है। दरअसल, भदोही अपने मखमली कालीनों के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। यहां से बड़ी मात्रा में कालीनों का निर्यात...
भदोही में ट्रांसपोर्टर्स की हड़ताल की घोषणा : कालीन उद्योग पर पड़ सकता है गहरा असर
Aug 11, 2024 16:24
Aug 11, 2024 16:24
- 12 अगस्त से हड़ताल शुरू करने का निर्णय
- ट्रांसपोर्ट भाड़े में वृद्धि की मांग को लेकर किया फैसला
- भदोही में माल भाड़ा 5 से 5.50 रुपये प्रति किलो के बीच है
इसके अलावा, कालीन निर्माण में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल जैसे ऊन और रेशम का आयात भी होता है। इस व्यवसाय में परिवहन की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। पिछले पांच वर्षों से कालीन परिवहन के भाड़े में कोई वृद्धि नहीं हुई है, जो वर्तमान विवाद का मुख्य कारण बना हुआ है।
कालीन उद्योग पर पड़ेगा प्रभाव
जिले में लगभग 50 चालक ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन से जुड़े हुए हैं। ये चालक तैयार माल को बंदरगाहों और हवाई अड्डों तक पहुंचाने के साथ-साथ कच्चे माल के परिवहन का भी काम करते हैं। हड़ताल के कारण न केवल निर्यातक और आयातक, बल्कि एजेंट और चालक भी प्रभावित होंगे। प्रतिदिन औसतन 10 से 12 वाहन मुंबई सहित अन्य बंदरगाहों के लिए रवाना होते हैं।
कम भाड़े को लेकर पैदा हुआ विवाद
भदोही गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रकाश मिश्रा ने इस संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जहां मुंबई जैसे शहरों में माल भाड़ा 6-7 रुपये प्रति किलो है, वहीं भदोही में यह दर अभी भी 5 से 5.50 रुपये प्रति किलो के बीच है। उन्होंने बताया कि जनपद से हर दिन मुंबई,दिल्ली, गुजरात, अहमदाबाद, सूरत, पानीपत और गुड़गांव आदि स्थानों पर जाती हैं।
एसोसिएशन के अनुसार, प्रतिमाह लगभग 300 वाहन विभिन्न बंदरगाहों की यात्रा करते हैं, जिनमें से 250 से अधिक मुंबई जाते हैं। एक 10 चक्का वाहन में 18 टन माल लादा जा सकता है, जबकि छोटे वाहनों की क्षमता 8 से 12 टन के बीच होती है।
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