Sonbhadra News : पाॅक्सो एक्ट के दोषी को साढ़े सात साल बाद मिली सजा

पाॅक्सो एक्ट के दोषी को साढ़े सात साल बाद मिली सजा
UPT | Sonbhadra News

Feb 07, 2024 20:07

सोनभद्र जिले में साढ़े सात साल पहले घटित छेड़खानी के एक मामले में कोर्ट ने बुधवार को सजा सुनाई। जिसमें एक नाबालिग लड़की के साथ की गई छेड़खानी के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश व विशेष न्यायाधीश पाॅक्सो एक्ट सोनभद्र अमित वीर सिंह ने सुनवाई करते हुए आरोपी को दोषसिद्ध पाया।

Feb 07, 2024 20:07

Sonbhadra News : सोनभद्र जिले में साढ़े सात साल पहले घटित छेड़खानी के एक मामले में कोर्ट ने बुधवार को सजा सुनाई। जिसमें एक नाबालिग लड़की के साथ की गई छेड़खानी के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश व विशेष न्यायाधीश पाॅक्सो एक्ट सोनभद्र अमित वीर सिंह ने सुनवाई करते हुए आरोपी को दोषसिद्ध पाया। जिसके चलते दोषी अतुल सिंह को 3 वर्ष की कठोर कैद और 40 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई। वहीं कहा कि अर्थदंड न देने पर दोषी को 3 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। इसके साथ ही अर्थदंड की धनराशि में से 32 हजार रुपये पीड़िता को दिए जाएंगे।

यह था पूरा मामला
अभियोजन पक्ष के मुताबिक चोपन थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी पीड़िता के पिता द्वारा थाने में 4 अप्रैल 2016 को दी तहरीर देकर अवगत कराया था, कि 3 अप्रैल 2016 की शाम कीरब साढ़े सात बजे उसकी 15 वर्षीय नाबालिग बेटी टहल रही थी। जिसे अतुल सिंह पुत्र अखिलेश सिंह निवासी प्रीत नगर थाना चोपन बहला-फुसलाकर अपहरण कर भगा ले गया। बेटी की काफी खोजबीन करने के बाद देर रात केंद्रीय विद्यालय चोपन के पास वह मिली थी। इस दौरान बेटी ने बताया था कि उसे अतुल सिंह बहला फुसलाकर भगा ले गया था और उसके साथ उसके दो मित्र भी थे, जो बाद में छोड़कर चले गए। अतुल सिंह ने उसके साथ छेड़खानी की और इसके पहले भी छेड़खानी करता रहता था।

अब जाकर मिली सजा
बताया गया कि इस तहरीर के आधार पर पुलिस ने तीन लोगों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना की। जिसके बाद विवेचना के दौरान पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने कोर्ट में अपहरण और पाॅक्सो एक्ट में चार्जशीट दाखिल की। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर आरोपी को दोषसिद्ध पाकर 3 वर्ष की कठोर कैद एवं 40 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। साथ ही कहा कि अर्थदंड न देने पर दोषी को 3 माह की अतिरिक्त कठोर कैद भुगतनी होगी। यह सजा जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी। वहीं अर्थदंड की धनराशि में से 32 हजार रुपये पीड़िता को मिलेंगे। बताया गया कि इस मामले में एक आरोपी की मौत हो चुकी है और वहीं दूसरे आरोपी को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करार दिया गया है। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील दिनेश कुमार अग्रहरी, सत्य प्रकाश त्रिपाठी एवं नीरज कुमार सिंह ने बहस की थी।

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