हाईकोर्ट का सख्त रूख : धर्म परिवर्तन से इनकार पर महिला का सिर काटने वाले को जमानत नहीं

धर्म परिवर्तन से इनकार पर महिला का सिर काटने वाले को जमानत नहीं
UPT | अदालत का फैसला।

Jul 11, 2024 17:57

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बिना किसी नरमी के आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी है। आरोपी ने एक महिला की हत्या की थी। यह मामला सितंबर 2020 का है, जब सोनभद्र जिले...

Jul 11, 2024 17:57

Sonbhadra News : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बिना किसी नरमी के आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी है। आरोपी ने एक महिला की हत्या की थी। यह मामला सितंबर 2020 का है, जब सोनभद्र जिले में एक नाले में युवती का कटा हुआ सिर और धड़ मिला था। न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह की एकल पीठ ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए आरोपी शोएब अख्तर की जमानत याचिका खारिज कर दी।

हत्या की वजह
इस मामले की शुरुआत तब हुई जब पीड़िता प्रिया सोनी ने एजाज अहमद नामक व्यक्ति से विवाह किया। विवाह के बाद, कथित तौर पर एजाज और उसके साथी शोएब अख्तर ने प्रिया पर इस्लाम धर्म अपनाने का दबाव बनाना शुरू कर दिया। परंतु, प्रिया ने अपना धर्म बदलने से दृढ़ता से इनकार कर दिया। अभियोजन पक्ष का आरोप है कि प्रिया के बार-बार मना करने के बावजूद, जब वह अपने निर्णय पर अडि रही, तो एजाज और अख्तर ने उसकी बेरहमी हत्या कर दी।

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पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया
21 सितंबर 2020 को, पुलिस को एक स्थानीय नाले के पास से युवती का कटा हुआ सिर और शव बरामद हुआ। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी और पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए दोनों संदिग्ध आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए, पुलिस ने चोपन थाने में हत्या सहित विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया।

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पहले भी जमानत याचिका दायर की थी
शोएब अख्तर ने पहले भी जनवरी में उच्च न्यायालय में जमानत के लिए याचिका दायर की थी, लेकिन वह खारिज कर दी गई थी। उस समय, अदालत ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि मृतका की मौत गर्दन के शरीर से अलग होने के कारण हुई थी। इस बार, अख्तर ने एक नया तर्क पेश किया कि उसके सह-आरोपी और पीड़िता के पति एजाज अहमद को अक्टूबर 2023 में जमानत मिल गई थी। हालांकि, पीड़ित पक्ष ने इस दावे का विरोध किया। उन्होंने अदालत को बताया कि एजाज ने जनवरी 2023 के उस आदेश को छिपाकर जमानत हासिल की है जिसमें अख्तर की जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी। सरकारी अधिवक्ता ने जोर देकर कहा कि अपराध अत्यंत जघन्य प्रकृति का है और इसकी गंभीरता को देखते हुए आरोपी को जमानत नहीं दी जानी चाहिए।

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जमानत याचिका खारिज कर दी गई
न्यायालय ने दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलें सुनीं और मामले की समग्र परिस्थितियों पर गहन विचार किया। अंततः, न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने आरोपी शोएब अख्तर को जमानत देने से इनकार कर दिया। साथ ही, कोर्ट ने सोनभद्र के पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया कि वे अगली सुनवाई पर पीड़ित पक्ष के सभी बाकी गवाहों की उपस्थिति सुनिश्चित करें।

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