रथ पर सवार हुए भगवान जगन्नाथ : भाई बलदाऊ और बहन सुभद्रा के साथ यात्रा, दर्शन करने उमड़ा भक्तों का जन सैलाब

भाई बलदाऊ और बहन सुभद्रा के साथ यात्रा, दर्शन करने उमड़ा भक्तों का जन सैलाब
UPT | रथ पर सवार हुए भगवान जगन्नाथ

Jul 07, 2024 16:58

गवान जगन्नाथ स्वामी की रथयात्रा पर्व वैसे तो उड़ीसा प्रदेश के जगन्नाथ पुरी में वृहद रूप से मनाया जाता है। आज के दिन पूरी में लाखों भक्त रथ को खींचने के लिए अखंड भारत से पहुंचते हैं...

Jul 07, 2024 16:58

Mirzapur News : भगवान जगन्नाथ स्वामी की रथयात्रा पर्व वैसे तो उड़ीसा प्रदेश के जगन्नाथ पुरी में वृहद रूप से मनाया जाता है। आज के दिन पूरी में लाखों भक्त रथ को खींचने के लिए अखंड भारत से पहुंचते हैं। पूरी में रथयात्रा पर्व को बड़े हर्षो उल्लास के साथ मनाया जाता है, जिसके लिए महीनो से तैयारी की जाती है। रथयात्रा का ये पर्व अब धीरे-धीरे संपूर्ण भारतवर्ष के विभिन्न प्रदेशों और जनपदों में फैलता जा रहा है और रथ यात्रा संपूर्ण भारत के लिए एक त्यौहार के रूप में लोग मानते हैं। मिर्जापुर में भी भगवान जगन्नाथ स्वामी मंदिर से निकलकर बहन सुभद्रा और भाई बलदाऊ के साथ रथ पर सवार हुए भगवान जगन्नाथ का रथ नगर के त्रिमुहानी पर रुक भगवान का रथ शाम तक यहां भक्तों को दर्शन देंगे। उसके बाद दर्शन नगर भ्रमण पर निकलेगा और हजारों की संख्या में लोग शामिल होंगे।

इस मंदिर से निकलती है यात्रा
मिर्ज़ापुर नगर के गाजिया टोला स्थित श्री ठाकुर रामकुमार मंदिर से भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकलती है। आज (रविवार) सुबह पूजा पाठ के बाद विधि विधान से भगवान जगन्नाथ बहन सुभद्रा और भाई बलदाऊ को रथ पर बैठाया गया। जहां से भक्तगण रथ को खींचते हुए त्रिमुहानी तक ले गए।

मंदिर के ट्रस्टी ने की लोगों से अपील
रविवार सुबह से सायं काल 4:00 बजे तक भगवान भक्तों को दर्शन देंगे। इसके बाद बटुक ब्राह्मणों द्वारा प्रभु की आरती की जाएगी। तत्पश्चात भगवान का रथ नगर भ्रमण को निकल जाएगा। वैसे तो भगवान के दर्शन करने के लिए भक्तों को हमेशा मंदिर जाना होता है, परंतु आज का ही दिन ऐसा होता है कि जब भक्तों को दर्शन देने के लिए भगवान मंदिर से निकाल कर नगर का भ्रमण करते हैं और भक्तों को दर्शन देकर उनका कल्याण करते हैं। मंदिर के ट्रस्टी और महामंत्री राकेश कुमार गुप्ता ने लोगों को से अपील की है कि रथ यात्रा में शामिल होकर पुण्य के भागी बने।

रथ यात्रा की शुरुआत कैसे हुई
इतिहास में ऐसा माना जाता है कि भगवान जगन्नाथ की बहन सुभद्रा ने नगर घूमने की इच्छा ज़ाहिर की थी। जिसके बाद बहन की इच्छा पूरा करने के लिए भगवान जगन्नाथ ने 3 रथ बनवाए और सुभद्रा को नगर घुमाने के लिए रथ यात्रा पर ले गए। सबसे आगे वाला रथ भगवान बलराम का बीच वाला रथ बहन सुभद्रा के और सबसे पीछे वाला रथ भगवान जगन्नाथ का होता है। इस तरह से भगवान जगन्नाथ के रथ यात्रा की शुरुआत हुई।

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