तिलक-टोपी मामले में नया मोड़ : स्कूल के दो और शिक्षकों पर गिरी गाज, जानिए अब क्या छिड़ा नया विवाद

स्कूल के दो और शिक्षकों पर गिरी गाज, जानिए अब क्या छिड़ा नया विवाद
UPT | तिलक-टोपी मामला

Sep 01, 2024 18:20

सरकारी उच्च प्राथमिक विद्यालय में तिलक और टोपी को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। हाल ही में डीएम अंकित अग्रवाल द्वारा कराई गई जांच में दोषी पाई गई एक और शिक्षिका उषा को भी अब निलंबित कर दिया गया है...

Sep 01, 2024 18:20

Short Highlights
  • तिलक और टोपी को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है
  • स्कूल के दो और शिक्षकों पर कार्रवाई की गई है
  • मुख्य शिक्षक की वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक
Bijnaur News : बिजनौर जिले के भनेड़ा गांव स्थित सरकारी उच्च प्राथमिक विद्यालय में तिलक और टोपी को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। हाल ही में डीएम अंकित अग्रवाल द्वारा कराई गई जांच में दोषी पाई गई एक और शिक्षिका उषा को भी अब निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही मुख्य शिक्षक के वेतन वृद्धि पर भी रोक लगाई गई है। चारों शिक्षकों को अन्य स्कूलों से अटैच कर दिया गया है। 

जानिए क्या है पूरा मामला
दरअसल, विवाद की शुरुआत तब हुई जब प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों ने अपने माता-पिता को बताया कि उनकी शिक्षिका और सहायक शिक्षक तिलक लगाकर स्कूल आने से मना करते हैं। इसके बाद अभिभावकों ने हिंदू संगठनों के साथ मिलकर स्कूल के खिलाफ हंगामा किया। इस हंगामे की सूचना बेसिक शिक्षा अधिकारी को दी गई, जिसने मामले की गंभीरता को देखते हुए खंड शिक्षा अधिकारी को जांच सौंप दी। जांच के दौरान कक्षा 6 के छात्रों ने आरोप लगाए कि शिक्षिका और शिक्षक तिलक लगाकर आने से मना करते हैं।

दोषी पाए गए शिक्षकों का निलंबन
खंड शिक्षा अधिकारी सूर्यकांत गिरी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि कक्षा 6 के बच्चों के बयान के आधार पर यह पाया गया कि शिक्षिका तनवीर आयशा और सहायक अध्यापक मुख्तार अहमद स्कूल में नियमों का उल्लंघन कर रहे थे। इस मामले में बेसिक शिक्षा अधिकारी ने तत्काल कार्रवाई की। शिक्षिक तनवीर आयशा को निलंबित कर दिया गया है और सहायक अध्यापक मुख्तार अहमद की वेतन वृद्धि को रोक दिया गया है। यह कदम तब उठाया गया जब शिकायतकर्ता बच्चों ने आरोप लगाया कि उन्हें तिलक लगाकर स्कूल आने से रोका जाता था और जो बच्चे तिलक लगाकर आते थे, उनके तिलक मिटा दिए जाते थे।



बच्चों ने की अपील
वहीं जब दोनों शिक्षकों को स्कूल से हटाया गया और शिक्षिका अपना सामान समेटकर घर जाने लगी, तो उसे पकड़कर स्कूल की छात्राएं खूब रोईं। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा। वीडियो में देखा गया कि स्कूल के दर्जनों बच्चे फफक-फफक कर रो रहे हैं और टीचर को रोक रहे हैं। यही नहीं बच्चों ने शिक्षकों से वापस लौटने की भी अपील की। वहीं दूसरी तरफ दर्जनों परिजन स्कूल से अपने बच्चों का नाम कटवाने के लिए पहुंचे और एकतरफा कार्रवाई का आरोप भी लगाया।

स्कूल की एक और शिक्षिका पाई गई दोषी
जिसके बाद, बढ़ते विवाद को देखते हुए डीएम अंकित अग्रवाल ने पूरे मामले की संयुक्त जांच का आदेश दिया। बीएसए योगेंद्र कुमार ने बिजनौर, कीरतपुर और नूरपुर की विभागीय टीम से मामले की जांच करवाई। जिसमें ये सामने आया कि स्कूल की दूसरी शिक्षिका उषा भी बच्चों को टोपी पहनकर आने से रोकती थी। जबकि, मुख्य शिक्षक राजेंद्र कुमार ने इस मामले को अपने स्तर से सुलझाने का कोई प्रयास नहीं किया।

चारों शिक्षकों को अन्य स्कूलों से अटैच किया गया
जांच की रिपोर्ट के आधार पर, शिक्षिका उषा को स्कूल से निलंबित कर दिया गया। वहीं मुख्य शिक्षक राजेंद्र कुमार की वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक लगाई गई है। साथ ही चारों शिक्षकों को अन्य स्कूलों से अटैच कर दिया गया है। इस पूरे मामले की जानकारी, साथ ही कार्रवाई का प्रेस नोट डीएम अंकित अग्रवाल के द्वारा सूचना विभाग से जारी की गई है।

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