मुरादाबाद में रविवार तड़के हाईवे कांवड़ियों के हुजूम से भर गया। "बम भोले" के जयकारों और डीजे की धुनों पर थिरकते कांवड़िए पूरे जोश में नजर आए। अनुमान है कि आज करीब डेढ़ लाख कांवड़िए यहां से गुजरेंगे।
मुरादाबाद में कांवड़ियों का सैलाब : हाईवे पर गूंजे 'बम भोले' के जयकारे
Aug 11, 2024 15:09
Aug 11, 2024 15:09
कांवड़ियों के स्वागत के लिए जगह-जगह भंडारे की व्यवस्था
दिल्ली और हरिद्वार की ओर जाने वाले हाईवे पर कांवड़ियों के स्वागत के लिए जगह-जगह भंडारे और विश्राम स्थल की व्यवस्था की गई है। हाईवे के दोनों ओर दूर तक भंडारों की कतार लगी हुई है,जहां कांवड़ियों के लिए भोजन और विश्राम की व्यवस्था की गई है। पुलिस ने भी इस अवसर पर विशेष तैयारियां की हैं। जगह-जगह हेल्प सेंटर खोले गए हैं,जहां कांवड़ियों को किसी भी प्रकार की सहायता उपलब्ध कराई जा सके। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग ने भी जगह-जगह मेडिकल कैंप लगाए हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति में कांवड़ियों को तुरंत इलाज मिल सके।
हाईवे पर कांवड़ियों की भारी भीड़ को देखते हुए जीरो ट्रैफिक लागू कर दिया गया है। इसका मतलब है कि हाईवे को सिर्फ कांवड़ियों के लिए आरक्षित कर दिया गया है और इस दौरान किसी भी अन्य वाहन को हाईवे पर चलने की अनुमति नहीं है। पुलिस कर्मी और इंटेलिजेंस के अधिकारी हाईवे पर शनिवार रात से ही तैनात हैं और पूरे समय हाई अलर्ट पर हैं,ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
51 महिला कांवड़ियों का जत्था ब्रजघाट जल लेने के लिए रवाना हुआ
मुरादाबाद के कटघर स्थित बालाजी महाराज के दरबार से हर वर्ष की तरह इस बार भी 51 महिला कांवड़ियों का जत्था ब्रजघाट जल लेने के लिए रवाना हुआ। यह महिला कांवड़िए करीब 70 किलोमीटर की पैदल यात्रा करती हैं। इनके साथ भगवान शंकर,बालाजी महाराज,राधा-कृष्ण,गणेश और हनुमान की मूर्तियों से सजे रथ भी होते हैं,जिन्हें ये महिलाएं खुद खींचती हैं। रथों पर कलश में गंगाजल भी भरा होता है। महिला कांवड़ियों के इस जत्थे को देखने के लिए सड़कों के किनारे सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा हो जाती है। लोग इनका पुष्पवर्षा कर स्वागत करते हैं। डीजे की धुन पर भगवान शंकर के भजनों के साथ नाचते-गाते हुए ये महिलाएं "जय शंकर" और "जय भोले" के जयकारे लगाते हुए मुरादाबाद पहुंचती हैं। श्री बाला जी दरबार की प्रमुख विमला राघव ने 2005 में इस महिला कांवड़ियों के जत्थे की शुरुआत की थी। इस जत्थे में महिलाओं के साथ-साथ बच्चे और पुरुष कांवड़िए भी होते हैं।
मुरादाबाद का अनुभव इस बार भी अनूठा और अद्वितीय
मुरादाबाद में कांवड़ यात्रा का यह दृश्य एकता, भक्ति और सामूहिक उत्साह का प्रतीक है। महिला कांवड़ियों का जत्था इस यात्रा में विशेष आकर्षण का केंद्र बनता है, जो न केवल भक्ति को दर्शाता है,बल्कि समाज में महिलाओं की मजबूत और सशक्त भूमिका को भी उजागर करता है। मुरादाबाद का यह अनुभव हर साल की तरह इस बार भी अनूठा और अद्वितीय है।
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