भल में वक्फ संपतियों को बेचे जाने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। जामा मस्जिद के पास बन रही सत्यव्रत पुलिस चौकी के निर्माण को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ...
संभल में वक्फ संपत्तियों की हुई जांच : करोड़ों की संपत्ति बेचने का खुलासा, रिपोर्ट के आधार पर मुकदमा दर्ज
Jan 03, 2025 22:50
Jan 03, 2025 22:50
ईओ की तहरीर के आधार रिपोर्ट दर्ज
इसमें सीओ अनुज कुमार और पालिका ईओ मणिभूषण तिवारी को भी शामिल किया गया। तीन सदस्यीय समिति ने अपनी जांच में पाया कि जो संपत्तियां खुर्दबुर्द की गई हैं, उनका बैनामा नहीं कराकर एग्रीमेंट से बेचा गया था। करोड़ों रुपये की संपत्तियां खुर्दबुर्द की गई हैं। एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि ईओ की तहरीर के आधार पर संभल कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है।
कई संपत्तियों को एग्रीमेंट के माध्यम से बेचा
वक्फ संपत्तियों को बेचा नहीं जा सकता है, लेकिन शहर में कई संपत्तियों को एग्रीमेंट के माध्यम से बेचा गया है। जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर ही रिपोर्ट दर्ज की गई है और आगे की जांच जारी रहेगी। रिपोर्ट के आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी। वक्फनामा में दिए गए जमीन के रिकॉर्ड के अनुसार, शहर में 20 संपत्तियां दर्ज हैं, जिनमें से जामा मस्जिद के नजदीक स्थित जमीन की चौहद्दी (सीमा) चार किलोमीटर के दायरे में आती है। यह सीमा बिछौली और तुर्तीपुर इल्हा से मिलती है। इससे यह स्पष्ट हो गया कि जो दस्तावेज प्रस्तुत किए गए थे, वे वैध नहीं थे और फर्जी तरीके से तैयार किए गए थे।
पुलिस चौकी पर सवाल उठने के बाद जांच समिति का गठन
जमा मस्जिद के नजदीक पुलिस चौकी बनाने के लिए दी गई 1100 गज जमीन की चौहद्दी चार किलोमीटर के दायरे में कैसे फैल सकती है, यह सवाल उठने के बाद डीएम द्वारा तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया था। डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने बताया कि जो वक्फ संपत्ति के दस्तावेज प्रस्तुत किए गए थे, वह 23 अगस्त 1929 के हैं। इनमें 20 संपत्तियों की जानकारी दी गई थी। जांच में यह पाया गया कि जिस जमीन पर पुलिस चौकी बनाई जा रही है, उसकी चौहद्दी चार किलोमीटर के दायरे में दर्ज की गई है। इसके अनुसार, पूरा शहर और आसपास के गांव इस दायरे में शामिल हो रहे हैं, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि दस्तावेज फर्जी थे।
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