हरियाणा में मुख्यमंत्री का पद भार संभालते ही नायब सिंह सैनी ने ताबड़तोड़ फैसले लेने शुरू कर दिए हैं। शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण को लेकर दिए फैसले का अनुमोदन किया।
हरियाणा सरकार के फैसले पर भड़कीं मायावती : बताया दलितों को बांटने का षड्यंत्र, जानिए क्यों उठ रही आवाज
Oct 18, 2024 17:11
Oct 18, 2024 17:11
- हरियाणा सरकार के फैसले पर भड़कीं मायावती
- भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को बताया जिम्मेदार
- आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला हो रहा लागू
1. हरियाणा की नई भाजपा सरकार द्वारा एससी समाज के आरक्षण में वर्गीकरण को लागू करने अर्थात आरक्षण कोटे के भीतर कोटा की नई व्यवस्था लागू करने का फैसला दलितों को फिर से बांटने व उन्हें आपस में ही लड़ाते रहने का षड़यंत्र। यह दलित विरोधी ही नहीं बल्कि घोर आरक्षण विरोधी निर्णय है। 1/3
— Mayawati (@Mayawati) October 18, 2024
बसपा सुप्रीमो ने बताया षड्यंत्र
मायावती ने सोशल मीडिया साइट X पर लिखा- ‘हरियाणा की नई भाजपा सरकार द्वारा एससी समाज के आरक्षण में वर्गीकरण को लागू करने अर्थात आरक्षण कोटे के भीतर कोटा की नई व्यवस्था लागू करने का फैसला दलितों को फिर से बांटने व उन्हें आपस में ही लड़ाते रहने का षड्यंत्र। यह दलित विरोधी ही नहीं बल्कि घोर आरक्षण विरोधी निर्णय है।’
भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को बताया जिम्मेदार
मायावती ने आगे लिखा- ‘हरियाणा सरकार को ऐसा करने से रोकने के लिए भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व के आगे नहीं आने से भी यह साबित है कि कांग्रेस की तरह बीजेपी भी आरक्षण को पहले निष्क्रिय व निष्प्रभावी बनाने और अन्ततः इसे समाप्त करने के षडयंत्र में लगी है, जो घोर अनुचित व बीएसपी इसकी घोर विरोधी है। वास्तव में जातिवादी पार्टियों द्वारा एससी-एसटी व ओबीसी समाज में फूट डालो-राज करो व इनके आरक्षण विरोधी षड़यंत्र आदि के विरुद्ध संघर्ष का ही नाम बीएसपी है। इन वर्गों को संगठित व एकजुट करके उन्हें शासक वर्ग बनाने का हमारा संघर्ष लगातार जारी रहेगा।’
3. वास्तव में जातिवादी पार्टियों द्वारा एससी-एसटी व ओबीसी समाज में ’फूट डालो-राज करो’ व इनके आरक्षण विरोधी षड़यंत्र आदि के विरुद्ध संघर्ष का ही नाम बीएसपी है। इन वर्गों को संगठित व एकजुट करके उन्हें शासक वर्ग बनाने का हमारा संघर्ष लगातार जारी रहेगा। 3/3
— Mayawati (@Mayawati) October 18, 2024
सुप्रीम कोर्ट ने 6-1 से दिया था बहुमत
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण को लेकर 2004 में एक फैसला दिया था, जिसमें कहा गया था कि SC की उप-श्रेणी नहीं बनाई जा सकती। कोर्ट ने ये भी कहा था कि राज्यों के पास ये करने का अधिकार नहीं है और केवल राष्ट्रपति ही ये अधिसूचित कर सकते हैं। लेकिन 2024 में शीर्ष अदालत ने अपने ही दिए फैसले को 6-1 के बहुमत से पलट दिया। तब अदालत ने कहा कि SC और ST के उत्थान के लिए राज्य उप-श्रेणियां बनाकर कोटे के अंदर कोटा बना सकते हैं।
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