दिल्ली की दमघोंटू हवा पर आई स्टडी : गाड़ियों ने निकलने वाला धुआँ बड़ी वजह, यूपी, हरियाणा जैसे राज्य भी जिम्मेदार

गाड़ियों ने निकलने वाला धुआँ बड़ी वजह, यूपी, हरियाणा जैसे राज्य भी जिम्मेदार
UPT | दिल्ली की दमघोंटू हवा पर आई स्टडी

Nov 07, 2024 13:37

दिल्ली एनसीआर की हवा दिन पर दिन बिगड़ती ही जा रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक 7 नवंबर की दोपहर 1 बजे दिल्ली का AQI 371 दर्ज किया गया।

Nov 07, 2024 13:37

Short Highlights
  • दिल्ली की दमघोंटू हवा पर आई स्टडी
  • यूपी, बिहार, हरियाणा जिम्मेदार
  • वाहनों का धुआं सबसे बड़ा कारण
New Delhi : दिल्ली एनसीआर की हवा दिन पर दिन बिगड़ती ही जा रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक 7 नवंबर की दोपहर 1 बजे दिल्ली का AQI 371 दर्ज किया गया। आम तौर पर दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण के लिए पराली जलाने की घटनाओं को जिम्मेदार ठहराया जाता है। इसी वजह से केंद्र सरकार ने पराली जलाने पर लगने वाले जुर्माने को बढ़ा भी दिया। लेकिन हाल ही में जारी एक रिपोर्ट बताती है कि दिल्ली एनसीआर में हो रहे प्रदूषण के पीछे पराली नहीं, बल्कि कुछ और ही है।

वाहनों का धुआं सबसे बड़ा कारण
सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायर्मेंट ने हाल ही में अपनी एक रिपोर्ट पेश की है। इसमें दिल्ली में होने वाले वायु प्रदूषण पर एक स्टडी की गई। इस स्टडी के बाद दावा किया गया कि जिस प्रदूषण के लिए पराली को जिम्मेदार ठहराया जाता है, उसमें वास्तव में पराली की हिस्सेदारी महज 8.2 फीसदी है। स्टडी में पता चला है कि दिल्ली में होने वाले प्रदूषण का आधा हिस्सा गाड़ियों से निकलने वाले धुएं से आता है।



यूपी, बिहार, हरियाणा जिम्मेदार
स्टडी में ये भी कहा गया है कि दिल्ली के प्रदूषण के लिए एनसीआर के शहर भी जिम्मेदार हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, एनसीआर के जिलों की वजह से दिल्ली का लगभग 35 फीसदी प्रदूषण बढ़ता है। इसके अलावा रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, मध्य प्रदेश और राजस्थान के उन शहरों को भी जिम्मेदार ठहराया गया है, जो एनसीआर के बाहर हैं। साथ ही दिल्ली के लोकल सोर्स को भी प्रदूषण का 30 फीसदी जिम्मेदार माना गया है।

पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी बढ़ा रहे प्रदूषण
दिल्ली सरकार के 2023-24 के आर्थिक सर्वे के मुताबिक, दिल्ली में गाड़ियों की संख्या 85 लाख से ज्यादा हो चुकी है, और हर साल औसतन 6 लाख से अधिक गाड़ियां रजिस्टर होती हैं। इसके अलावा, हर दिन 11 लाख से ज्यादा गाड़ियां दिल्ली में आती-जाती हैं। गाड़ियों से निकलने वाला धुआं दिल्ली की हवा को सबसे ज्यादा खराब कर रहा है और 81% नाइट्रोजन ऑक्साइड प्रदूषण का मुख्य कारण यही है। सीएसई की स्टडी के अनुसार, गाड़ियों से निकलने वाला धुआं दिल्ली की हवा को प्रदूषित करने का सबसे बड़ा स्रोत है, इसके बाद रिहायशी इलाकों और उद्योगों का योगदान है। इसके अलावा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी प्रदूषण में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा रहा है, जहां बसों की खराबी के मामले और वेटिंग टाइम में वृद्धि ने लोगों को निजी वाहनों का इस्तेमाल बढ़ाने पर मजबूर किया है।

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