कांवड़ यात्रा विवाद पर गरमाई बहस : 'नाम न लिखो तो व्यापार बंद, लिख दो तो...', सुप्रीम कोर्ट में बोले सिंघवी

'नाम न लिखो तो व्यापार बंद, लिख दो तो...', सुप्रीम कोर्ट में बोले सिंघवी
UPT | कांवड़ यात्रा विवाद पर गरमाई बहस

Jul 22, 2024 13:35

सिंघवी ने कहा, दुकानदार और स्टाफ का नाम लिखना जरूरी किया गया है। यह exclusion by identity है, नाम न लिखो तो व्यापार बंद, लिख दो तो बिक्री खत्म...

Jul 22, 2024 13:35

Kanwar Yatra Row In Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को यूपी सरकार के कांवड़ रूट पर दुकानदारों के नाम लिखने के फैसले के खिलाफ याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट में बहस गरमा गई, जिसमें याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने सरकार के इस कदम को गैरकानूनी बताया। सुनवाई की शुरुआत में, याचिकाकर्ताओं के वकील ने बताया कि पहले दो राज्यों ने इस तरह का आदेश जारी किया था और अब दो और राज्य इसी प्रकार का निर्णय लेने की तैयारी में हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इस प्रक्रिया में नगरपालिका की जगह पुलिस कार्रवाई कर रही है, जो अल्पसंख्यकों और दलितों को अलग-थलग करने का प्रयास है।

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वकील ने दी ये दलील
वकील ने मुजफ्फरनगर पुलिस के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि 'इसमें यह बताया गया है कि अतीत में कांवड़ यात्रियों को अशुद्ध भोजन परोसा गया था, इसलिए विक्रेता का नाम लिखना अनिवार्य किया जा रहा है'। उन्होंने सवाल उठाया कि जब दुकानदार शाकाहारी, शुद्ध शाकाहारी या जैन आहार जैसे विवरण लिख सकते हैं, तो फिर विक्रेता का नाम लिखना क्यों आवश्यक है। इस पर न्यायाधीश ऋषिकेश राय ने पूछा कि क्या यह एक आधिकारिक आदेश है या केवल एक प्रेस विज्ञप्ति। वकील ने स्वीकार किया कि वह प्रेस विज्ञप्ति से पढ़ रहे हैं।



पहचान के आधार पर बहिष्करण : सिंघवी 
दूसरी याचिकाकर्ता महुआ मोइत्रा के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने बहस में हिस्सा लेते हुए कहा कि यह निर्णय स्वैच्छिक नहीं बल्कि अनिवार्य है। उन्होंने तर्क दिया कि यह "पहचान के आधार पर बहिष्करण (exclusion by identity)" का एक स्पष्ट उदाहरण है। सिंघवी ने आगे कहा,  नाम न लिखो तो व्यापार बंद, लिख दो तो बिक्री खत्म।"

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आदेश जारी करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं : वकील सी यू सिंह
वकील सी यू सिंह ने भी अपनी बात रखते हुए कहा कि पुलिस को इस तरह के आदेश जारी करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है। उन्होंने हरिद्वार पुलिस के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि इसमें कठोर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। सिंह ने चिंता जताई कि यह निर्णय हजारों किलोमीटर लंबे कांवड़ मार्ग पर स्थित दुकानदारों की आजीविका को प्रभावित कर सकता है।

आदेश पर अंतरिम रोक लगाई
सुप्रीम कोर्ट ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानदारों के नाम दुकानदारों के नाम लिखने के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है। यह निर्णय उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड सरकारों द्वारा जारी किए गए आदेशों पर लागू होता है। इन राज्यों ने कांवड़ यात्रा के दौरान खाद्य विक्रेताओं को अपने नाम और पहचान विवरण प्रदर्शित करने का निर्देश दिया था। 

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