वायु गुणवत्ता सूचकांक बिगड़ने से सोमवार (28 अक्टूबर) को दिल्ली का औसत एक्यूआई 356 रिकॉर्ड किया गया, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में है। नोएडा का एक्यूआई 260...
दिवाली से पहले प्रदूषण की गिरफ्त में एनसीआर : 260 पर पहुंचा नोएडा का AQI, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद की भी बिगड़ने लगी हवा
Oct 28, 2024 14:26
Oct 28, 2024 14:26
ये है हवा का हाल
वायु गुणवत्ता सूचकांक बिगड़ने से सोमवार (28 अक्टूबर) को दिल्ली का औसत एक्यूआई 356 रिकॉर्ड किया गया, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में है। नोएडा का एक्यूआई 260, ग्रेटर नोएडा का 244, गाजियाबाद का 239, गुरुग्राम का 197 और फरीदाबाद का एक्यूआई 217 पर पहुंच चुका है।
हवा को खराब करने में गाड़ियों का अहम योगदान
वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए केंद्र की निर्णय सहायता प्रणाली के अनुसार, दिल्ली के प्रदूषण में वाहनों के उत्सर्जन का सबसे बड़ा योगदान था, जो लगभग 13 प्रतिशत था। इसमें अनुमान लगाया गया है कि अगले दो दिनों में दिल्ली के प्रदूषण में वाहनों से होने वाला प्रदूषण सबसे ज्यादा रहेगा।
ऐसे मापी जाती है हवा की क्वालिटी
यदि किसी क्षेत्र का AQI 0 से 50 के बीच है, तो उसे 'अच्छा' माना जाता है। 51 से 100 के बीच AQI 'संतोषजनक' होता है, जबकि 101 से 200 के बीच इसे 'मध्यम' माना जाता है। अगर AQI 201 से 300 के बीच है, तो इसे 'खराब' कहा जाता है। 301 से 400 के बीच AQI 'बहुत खराब' और 401 से 500 के बीच होने पर इसे 'गंभीर' श्रेणी में रखा जाता है।
वायु प्रदूषण से कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जिसके चलते दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के अंतर्गत विभिन्न पाबंदियां लागू की जाती हैं। हाल ही में ग्रैप-2 लागू होने के बाद, 5 प्रमुख पाबंदियां भी लागू की गई हैं।
ग्रैप क्या है?
ग्रैप का पूरा नाम ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) है। यह एक सरकारी योजना है, जिसे दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण से निपटने के लिए तैयार किया गया है। इस योजना के माध्यम से प्रदूषण को नियंत्रित किया जाता है। इसमें कई चरण शामिल होते हैं और जैसे-जैसे प्रदूषण बढ़ता है, ये चरण भी सक्रिय होते हैं। इसके परिणामस्वरूप, दिल्ली में लागू होने वाली पाबंदियों की संख्या भी बढ़ जाती है।
GRAP के 4 चरण
जब हवा 201 से 300 एक्यूआई तक खराब होती है तो पहला चरण लागू किया जाता है। इसके बाद अगर हवा ज्यादा खराब होती है और एक्यूआई 301 से 400 तक पहुंच जाता है तो इसका दूसरा चरण लागू हो जाता है। इस समय एनसीआर में ग्रेप का दूसरा चरण लागू है। अगर हवा ज्यादा खराब हो जाए यानी एक्यूआई 400 से भी ज्यादा हो जाए तो तीसरा चरण लगता है। हालात ज्यादा खराब होने पर GRAP का चौथा लेवल लागू कर दिया जाता है।
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