कल होगा तुलसी विवाह : इसलिए देवउठनी एकादशी के अगले दिन है त्यौहार, जान लीजिए शुभ मुहूर्त

इसलिए देवउठनी एकादशी के अगले दिन है त्यौहार, जान लीजिए शुभ मुहूर्त
UPT | कल होगा तुलसी विवाह

Nov 12, 2024 21:17

तुलसी विवाह हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह विशेष रूप से कार्तिक माह में मनाया जाता है। यह उत्सव भगवान विष्णु और तुलसी के विवाह का प्रतीकात्मक पर्व है, जो देवउठनी एकादशी के दिन होता है।

Nov 12, 2024 21:17

Short Highlights
  • कल मनाया जाएगा तुलसी विवाह
  • इस बार एकादशी के अगले दिन त्यौहार
  • पूजा को लेकर कई मान्यताएं
New Delhi : तुलसी विवाह हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह विशेष रूप से कार्तिक माह में मनाया जाता है। यह उत्सव भगवान विष्णु और तुलसी के विवाह का प्रतीकात्मक पर्व है, जो देवउठनी एकादशी के दिन होता है। लेकिन कई बार ग्रह-नक्षत्रों में सही तालमेल न होने की वजह से तुलसी विवाह देवउठनी के अगले दिन भी मनाया जाता है। इस बार भी ऐसा ही हो रहा है। इस वर्ष देवउठनी एकादशी 12 नवंबर को है, जबकि तुलसी विवाह 13 नवंबर को आयोजित किया जाएगा।

इसलिए मनाया जाता है त्यौहार
यह दिन विशेष रूप से शुभ माने जाते हैं क्योंकि भगवान विष्णु की योग निद्रा से जागने के बाद उनका विवाह तुलसी से कराया जाता है। तुलसी विवाह का धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत अधिक महत्व है। शास्त्रों के अनुसार, देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु का जागरण होता है और यह समय विशेष रूप से पुण्यदायक माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु का विवाह तुलसी से शालिग्राम स्वरूप में होता है। इस विवाह को 'महा मुहूर्त' कहा जाता है, जो सभी प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला माना जाता है।



पूजा का शुभ मुहूर्त जानिए
तुलसी विवाह का आयोजन इस साल 13 नवंबर को होगा और इस दिन का विशेष शुभ मुहूर्त शाम 5:29 बजे से लेकर शाम 7:53 बजे तक रहेगा। इस मुहूर्त के दौरान पूजा करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है। इस दिन तुलसी के गमले में गन्ने का मंडप बनाना चाहिए और तुलसी को सोलह श्रृंगार कर चुनरी ओढ़ानी चाहिए। पूजा स्थल को स्वच्छ और सजाया जाना चाहिए और शालिग्राम के साथ तुलसी की पूजा करनी चाहिए।

पूजा को लेकर कई मान्यताएं
तुलसी विवाह के दिन भगवान शालिग्राम और माता तुलसी की पूजा करने से वैवाहिक जीवन की समस्याएं समाप्त होती हैं और परिवार में शांति एवं सुख-समृद्धि का वास होता है। इस दिन शालिग्राम की पूजा करके तुलसी के गमले के चारों ओर परिक्रमा करना और आरती करना अत्यधिक फलदायी माना जाता है। इसके अतिरिक्त, इस पूजा से वशीकरण, सौम्यता और जीवन में सकारात्मक बदलाव आने की मान्यता है।

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