भारत के संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत एएसआई संस्था आती है, जो देश में सभी ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण का काम करती है। यह संस्था पुरानी चीजों का गहराई से अध्ययन करती है। देश के किसी भी हिस्से में यदि कोई पुरातात्विक इमारतें, संरचनाएं या वस्तुएं मिलती हैं तो उसकी जांच-पड़ताल एएसआई ही करता है।
ASI Survey: राम मंदिर, ज्ञानवापी और अब शाही ईदगाह...आखिर क्या है यह एसआई, जो सामने लाती है सच्चाई
Dec 21, 2023 20:13
Dec 21, 2023 20:13
किसके निरक्षण में होता ASI सर्वे
कब हुई थी ASI की शुरुआत
क्या है एएसआई
भारत के संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत यह संस्था आती है, जो देश में सभी ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण का काम करती है। यह संस्था पुरानी चीजों का गहराई से अध्ययन करती है। देश के किसी भी हिस्से में यदि कोई पुरातात्विक इमारतें, संरचनाएं या वस्तुएं मिलती हैं तो उसकी जांच-पड़ताल एएसआई ही करता है। इसी के साथ बता दे ऐतिहासिक इमारतों के रखरखाव, मेंटेनेंस और अन्य सभी जरूरी काम एएसआई की ही जिम्मेदारी है।
कब हुई थी शुरुआत
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को 1861 में बनाया गया था। उस समय देश में अंग्रेजों का शासनकाल चल रहा था। इसकी स्थापना करने का मुख्य कारण देश की सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा करना था। इसकी स्थापना संस्कृति मंत्रालय के तहत की गई थी।
कैसे करते ये सर्वे
एएसआई सर्वे करने के लिए कई वैज्ञानिक तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें कार्बन डेटिंग, डेंड्रोक्रोनोलॉजी, एथनो क्रोनोलॉजी, आर्कियोलॉजिकल एक्सकैवेशन, स्ट्रैटिग्राफी, आर्कियोमेट्री और अंडरवाटर आर्कियोलॉजी जैसे कई तरह के तरीके इस्तेमाल किए जाते हैं। दरअसल कार्बन डेटिंग के जरिए यह पता लगाया जाता है कि कोई इमारत कितनी पुरानी और यह कब बनी होगी।
किसके निरक्षण में होता सर्वे
एएसआई का कार्यालय संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत आता है। यह सर्वेक्षण टीम जब भी किसी ऐतिहासिक इमारत या खंडहर का सर्वे करती है, तो उस पर संस्कृति मंत्रालय नजर रखती है। कुछ मामलों में जब सर्वे कोर्ट के आदेश पर किया जाता है, तो कोर्ट भी सर्वे के पल-पल की रिपोर्ट रखती है।
एएसआई के जनक
एएसआई के जनक अलेक्जेंडर कनिंघम है। सर अलेक्जेंडर कनिंघम भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पहले महानिदेशक थे। वह एक ब्रिटिश सेना अधिकारी और पुरातत्वविद थे, जिन्होंने सारनाथ और सांची सहित भारत में कई स्थलों की खुदाई की।
एएसआई का प्रमुख
आईएएस अधिकारी वी. विद्यावती भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के महानिदेशक हैं। कैबिनेट की नियुक्ति समिति के आदेश के बाद इनकी नियुक्ति की जाती है। बता दें, विद्यावती 1991 बैच की कर्नाटक कैडर की अधिकारी हैं।
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